आईआईटी के ये दोनों स्टार्टअप कानपुर की स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआईआईसी) में रजिस्टर्ड हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मोमेंटम फॉर चेंज क्लाइमेट एक्शन अवॉर्ड इस साल ‘गर्व टायलेट’ और ‘फूल’ स्टार्टअप को मिला है। इसकी घोषणा अमेरिका में हुए 74वें यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली में की गई। वहीं दोनों स्टार्टअप के फाउंडर को सम्मानित भी किया गया।
आईआईटी कानपुर के इंक्यूबेटर ने लगातार दूसरी बार यूएन में यह अवॉर्ड पाया है। दुनिया के 190 देश से आए सैकड़ों प्रोजेक्ट में से अवॉर्ड के लिए स्टार्टअप चयनित किए जाते हैं। पिछले साल हेल्पअस ग्रीन स्टार्टअप के फाउंडर अंकित अग्रवाल को यूएन में सम्मानित किया गया था। आईआईटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर, एसआईआईसी के प्रभारी प्रो. अमिताभ बंदोपाध्याय ने दोनों स्टार्टअप के लिए बधाई दी।
यह पूरी तरह ऑटोमैटिक है। स्टील के बने टॉयलेट सेंसर से युक्त हैं। खुद सफाई होने के साथ इसमें पानी की खपत कम होती है। यह प्रोजेक्ट दुबई समेत कई देशों में काम कर रहा है। आईआईटी के स्टार्टअप गर्व टॉयलेट स्वच्छता के क्षेत्र में बड़ा प्रयास है, क्योंकि हर देश में एक ऐसा क्षेत्र है, जहां शौचालय नहीं हैं। मयंक मीडा ने स्वच्छता को देखते हुए ऐसा ही एक स्टार्टअप गर्व टॉयलेट शुरू किया है।
शहर के अंकित अग्रवाल ने एक स्टार्टअप ‘फूल’ शुरू किया है। मंदिरों से निकलने वाले फूल अक्सर नदियों को प्रदूषित करते हैं। ऐसे ही फूलों का सदुपयोग कर उनका थर्माकोल बनाया जा रहा है। इसमें मंदिरों से फूलों को एकत्र किया जाता है। फिर उन्हें सुखाकर ईकोफ्रेंडली थर्माकोल बनाया जाता है। इससे फूलों का दुरुपयोग नहीं होता है। कंपनी फिलहाल कानपुर के अलावा कई शहरों के मंदिरों से फूलों को एकत्र करती है।