आईआईटी बीएचयू से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद अंकित पटेल ने समुद्री और अन्य जलमार्ग के बुनियादी ढांचे को नया रूप देना का प्रयास किया। अंकित ने बताया कि उसने एक ऐसा घाट बनाया है, जो किसी भी समुद्र या नदी के किनारे स्थाई रूप से फिक्स किया जा सकता है। यह कम समय में तैयार किया जाने वाला घाट है जिसका स्थाई रूप से लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
आइआइटी, बीएचयू के छात्रों ने ऐसा मॉडल तैयार किया है जो क्रूज के लिए भी फिट बैठेगा। यह नदी में बदलते जल स्तर के अनुरूप यह अपने आपको सेट कर लेगी। अपने निर्धारित जगह पर जाकर जेटी लॉक हो जाएगी, जिससे नदी में इसके हिलने की आशंका नहीं रहेगी। अब इस मॉडल को पेटेंट कराने के लिए आवेदन फाइल कर दिया गया है। इस मॉडल को अपनाने के लिए देश की दो कंपनियों से ऑफर भी मिला है।
एक्वाफ्रंट इंफ्रा के इस घाट का वाराणसी के कई घाटों पर इसका प्रयोग चल रहा है। ईडीआईआई, अहमदाबाद में 30 मार्च को सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इसमें एनआईटीआई, भारत सरकार के सदस्य डॉ. वीके सारस्वत, प्रमुख सचिव गुजरात सरकार अंजू शर्मा और आयुक्त तकनीकी शिक्षा, गुजरात सरकार अवंतिका सिंह ने अंकित को राष्ट्रीय मेधावी नवाचार पुरस्कार से सम्मानित किया।
एक्वाफ्रंट इंफ्रा की टीम को इस स्टार्टअप के लिए पांच लाख रुपए की राशि पुरस्कार स्वरूप दी गई है। एक्वाफ्रंट इंफ्रा के को-फाउंडर अंकित को आईआईटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर, डिप्टी डायरेक्टर प्रो. मणींद्र अग्रवाल, स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर के प्रभारी प्रो. अमिताभ बंदोपाध्याय ने बधाई दी है। आईआईटी छात्रों के स्टार्टअप पिछले कई दिनों में चर्चा में रहे हैं।