प्राप्त जानकारी के अनुसार, ईपीएफओ ने ट्रस्ट में कर्मचारियों के पीएफ खाते अपने यहां पर ट्रांसफर कर लिए हैं. अब इन कंपनियों के 22 हजार कर्मचारियों को पीएफ खाते में एडवांस और अंतिम भुगतान के लिए ईपीएफओ में आवेदन करना होगा. ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने बड़ी कंपनियों के पीएफ ट्रस्ट में मानकों की पड़ताल करने का प्रस्ताव पास किया है. ईपीएफओ ने सालों पहले प्रदेश की कई कंपनियों को पीएफ ट्रस्ट बनाकर कर्मचारी और नियोक्ता का अंशदान जमा करने की छूट दे रखी थी.
पीएफ ट्रस्ट में कंपनियां दोनों हिस्से जमा करती रही हैं, लेकिन कर्मचारियों की शिकायतों के बाद ईपीएफओ ने कार्रवाई शुरू कर दी. ईपीएफओ का दावा है कि कंपनियां कर्मचारियों के पीएफ खाते में जमा धनराशि पर ब्याज का मानक पूरा नहीं कर रही थी. कर्मचारियों को एडवांस मिलने में कई दिन लग रहे थे. रिटायर हो रहे कर्मचारियों को अंतिम भुगतान मिलने में देरी हो रही थी. इस वजह से प्रदेश ने 109 पीएफ ट्रस्टों में 24 को भंग कर उनके खाते अपने यहां संबद्ध कर लिए हैं. शहर में जूट मिल, जेके कॉटल मिल, डंकन्स फर्टिलाइजर, यूपी स्टॉक एक्सचेंज, जयपुरिया स्कूल और ग्रामोद्योग संघ के पीएफ ट्रस्ट को निरस्त कर दिया गया है.
ईपीएफओ प्रदेश बोर्ड के सदस्य सुखदेव प्रसाद मिश्र कहते हैं कि कर्मचारियों की शिकायतों के आधार पर ही दो दर्जन कंपनियों के पीएफ ट्रस्ट भंग किए गए हैं. इस क्रम में पिछले तीन साल से बंद पड़ी जेके जूट के चार हजार कामगारों को पीएफ पेंशन देने का देने का प्रस्ताव दिया गया है. ताकि कामगारों का पेंशन से खर्च चल सके. इसी के साथ 8 शुगर मिलों में भी ट्रस्ट भंग किए गए हैं.