Read: कानपुर के उर्सला में मरीजों को हवा से मिलेगी ऑक्सीजन, प्रदेश के 8 जिलों में तैयारियां शुरू दरअसल वाहनों को चलाने के लिए आरटीओ (RTO) लाइसेंस जारी करता है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया है। जिसमें लोगों को काफी समय तक इंतजार करना होता है। जिसमें प्रथम चरण में लर्निंग लाइसेंस के लिए टेस्ट के बाद स्थाई (Permanent Driving License) लाइसेंस के लिए आटोमैटिक ट्रैक पर टेस्ट लिया जाता है। इस लंबी प्रक्रिया को देखते हुए ग्रामीणांचलों में ड्राइविंग स्कूल खोलने का फैसला लिया गया है।
संभागीय परिवहन के अफसरों ने बताया कि एक तरह से डीएल बनाने की प्रक्रिया को सुगम किया गया है। इसके अलावा इस क्षेत्र में भी निजी लोगों की सहभागिता होगी तो प्रक्रिया सरल हो जाएगी। निजी ड्राइविंग स्कूल खोलने के लिए लंबे समय से मांग हो रही थी। इससे ही केंद्रीय एमवी एक्ट (CMVA) में संशोधन के लिए खाका तैयार हुआ है। हालांकि वर्तमान में प्रदेश में कौशल विकास मिशन के तहत महिला-पुरुषों को ड्राइविंग प्रशिक्षण दिया जा रहा है।