वाई-फाई के मुकाबले लाई-फाई की गति का कोई जोड़ नहीं है। 18वें राष्ट्रीय गणित विज्ञान मेले में जब अभिनव ने इसे दिखाया तो सभी ने उसे सराहा। अपने मॉडल को समझाने के लिए उसने एक टार्च ली, जिसे एक सोलर पैनल पर डाला गया। एक बल्ब था जिसके माध्यम से लाई-फाई के संकेत गए और देखते देखते मोबाइल के गीत बिना किसी तार को जोड़े साउंड बार में बजने लगे। नेट की स्पीड बेमिसाल थी।
बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में चार दिवसीय मेले के तीसरे दिन देश भर से आए बच्चों ने अपने मॉडल प्रस्तुत किए। तीसरा दिन प्रतियोगिताओं के नाम भी रहा। यहां कक्षा 06 से 12 तक के तीन वर्गों बाल किशोर और तरुण वर्ग की वैदिक गणित प्रश्न मंच, विज्ञान प्रदर्शन, सौर ऊर्जा प्रदर्श, विज्ञान प्रयोग और विज्ञान पत्र वाचन से सम्बंधित प्रतियोगिताएं हुईं।
मेले में हिमाचल प्रदेश के सोलन से आई कक्षा 12 की छात्रा सिमरन शर्मा ने अपना न्यूक्लियर एनर्जी मॉडल पेश किया। उसने बताया कि भारत को थोरियम से यूरेनियम 233 बनाकर न्यूक्लियर प्लांट में प्रयोग कर बिजली बनानी चाहिए। भारत अभी यूरेनियम 235 का आयात करता है। यूरेनियम आयात करने के कारण ही कुल बिजली उत्पादन में न्यूक्लियर की हिस्सेदारी काफी कम है।
प्रदर्शनी में गणित के 50 से अधिक मॉडल ऐसे थे जो रोचकता के साथ गणित पढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं। इनमें वेक्टर से जुड़े अनेक मॉडल थे जो ज्योमितीय पढ़ाने में लाभदायक थे। मेले के संयोजक श्याम अरोड़ा ने बताया कि आज मेले का समापन होगा। सह संयोजक डॉ. अंगद सिंह ने बताया कि राज्यपाल आनन्दी बेन विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत करेंगी। प्रतियोगिताओं का संचालन डॉ. ममता तिवारी व मंजू शुक्ला ने किया।