बीते एक साल से चल रही टेनरियों की बंदी ने शहर के चमड़ा कारोबार को बड़ा झटका दिया है। टेनरियों की बंदी के चलते शहर को मिला करोड़ों का आर्डर तो कैंसिल हुआ ही, दूसरी ओर इसे लेकर यहां की छवि भी खराब हुई, क्योंकि कारोबारी समय पर आर्डर पूरा नहीं कर पाए थे। दूसरी ओर कई कारोबारी शहर से अपना काम समेटकर पश्चिम बंगाल चले गए। यहां चमड़ा कारोबार ठप पडऩे का फायदा बांगलादेश, पाकिस्तान और चीन को मिला।
शहर के चमड़ा कारोबारी उन देशों का भ्रमण करेंगे, जहां चमड़े की खपत ज्यादा है और स्थानीय सरकार के प्रतिबंध या आयात शुल्क अधिक होने के कारण उत्पादों का निर्यात नहीं होता है। ऐसे देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ मिलकर निर्यात के अनुकूल माहौल तैयार किया जाएगा। इससे इन देशों के साथ द्विपक्षीय रिश्ते भी मजबूत होंगे।
चमड़ा कारोबारियों के विदेश भ्रमण का पहला चरण सितंबर में होगा। जिसमें रूस और इटली का दौरा प्रस्तावित है, जबकि दूसरे चरण में अक्टूबर माह में चिली और पेरू जाकर कारोबारी निर्यात की संभावनाएं तलाशेंगे। नया बाजार मिलने से शहर के चमड़ उद्योग को पहले जैसी चमक मिलेगी।
टेनरियों के फिर से संचालन से उत्साहित चमड़ा कारोबारी इस बार चमड़ा उत्पादों का मेला चार दिन चलाएंगे। चर्म निर्यात परिषद ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली हैं। यह मेला २९ सितंबर से दो अक्टूबर तक चलेगा। इसके लिए मोतीझील मैदान की बुङ्क्षकग हो गई है।