उत्तर प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल ने आज निकाय चुनाव की घोषणा की। जिसके चलते शहर में चुनावी पारा चढ़ गया। कानपुर में 22 नवंबर को मतदान होगा। यहां करीब 21,90,606 मतदाता मेयर और 110 पार्षद चुनेंगे। मतगणना एक दिसंबर को होगी। नगर पालिका और नगर पंचायत के वोट बैलट पेपर के जरिए पढ़ेंगे, वहीं नगर निगम के लिए एवीएम से मतदान होगा। राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों की घोषणा होने के साथ ही आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गयी है। राज्य में कुल 32 दिनों मे पूरी चुनावी प्रक्रिया हो जायेगी। चुनावों की घोषणा करते हुए आयोग ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि राज्य में पुलिस, गृह विभाग, राजस्व समेत कई महत्वपूर्ण महकमों में तबादलों पर भी रोक लग गयी है।
निकाय चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी सूरेंद्र सिंह और उपजिला निर्वाचन अघिकारी संजय चौहान कलेट्रेट में जिले के तमाम अफसरों के साथ बैठक की। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि निकाय चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराए जाएंगे। निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव कराने के लिए कई कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। मतदान के 48 घंटे पहले सीमाएं सील कर दी जाएंगी। साथ ही शराब बिक्री पर प्रतिबंध होगा। इसके साथ ही पुलिस अपराधियों की धड़पकडद्य के लिए अभियान चलाएगी। शहर में नेताओं की होर्डिंग्स व बैनर आज रात से हटा दिए जाएंगे। अगर कोई पार्टी या कार्यकर्ता दोबारा होर्डिंग लगाता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कनपुर नगर निगम से मेयर के साथ 110 पार्षद चुनावी मैदान में उतरेंगे। जिनके लिए आयोग ने खर्चा तय कर दिया है। कानपुर नगर निगम के मेयर उम्मीदवार 25 लाख रूपए खर्च कर सकते हैं। वहीं वही नगर निगम के पार्षद 2 लाख तो नगर पालिका व नगर पंचायत के सभासउ डेढ़ लाख रूपए चुनाव में खर्च करेंगे। निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि उम्मीदवारों के चुनावी खर्च का ब्यौरा जिला स्तरीय कमेटी करेगी। जिसमें सीडीओ सहित मुख्य कोषाधिकारी सदस्य होंगे। इसके अलावा राज्य में सभी तरह के ट्रांसफर, प्रमोशन, नियुक्ति पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। डीएम और एसपी जिला नहीं छोड़ सकेंगे। कोई भी राजनीतिक पार्टी लोक-लुभावन घोषणाएं नहीं करेंगी।