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कानपुर

पुलिसवालों को वीकली ऑफ देना नहीं होगा आसान, तीन बार फेल हुई कोशिश

चौथी बार फिर से शुरू की जा रही कवायद कई राज्यों में अवकाश के मिले बेहतर नतीजे

कानपुरAug 17, 2019 / 12:14 pm

आलोक पाण्डेय

weekly off for kanpur police

पुलिसवालों को वीकली ऑफ देना नहीं होगा आसान, तीन बार फेल हुई कोशिश

कानपुर। देश के कई राज्यों में पुलिस के लिए लागू किए गए साप्ताहिक अवकाश के बेहतर नतीजे मिलने के बाद अब कानपुर में भी पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने की तैयारी की जा रही है। हालांकि यह कोशिश पहले भी तीन बार की जा चुकी है, पर हर बार यह सफल नहीं हो पाई। हर बार किसी न किसी वजह से इसे शुरू करने के बाद बंद करना पड़ा और बार-बार पुलिसकर्मियों को मिलने वाली खुशी मायूसी में बदलती रही।
संख्या बल की कमी
बार-बार अवकाश की योजना रद होने के पीछे सबसे बड़ी वजह है संख्या बल की कमी। यह स्थिति शहर ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में है। हर साल जितने पुलिसकर्मी रिटायर हो रहे हैं पर भर्ती हर साल उनती संख्या में नहीं हो रही है। जिस कारण निचले स्तर पर पुलिस बल में भारी कमी है। साप्ताहिक अवकाश लागू होने पर हफ्ते में हर दिन भारी संख्या में पुलिसकर्मियों के लिए अवकाश होता है, ऐसे में कानून व्यवस्था पर नियंत्रण के लिए पुलिस बल की कमी खड़ी हो जाती है।
तीन बार हो चुकी कोशिश
शहर में पहले भी साप्ताहिक अवकाश की कोशिश हो चुकी है। सबसे पहले २०११ में तत्कालीन एसएसपी अजय मिश्रा ने यह काम किया था। पहले जूही थाने से साप्ताहिक अवकाश शुरू किया गया था। उसके बाद जून २०१६ में तत्कालीन एसएसपी शलभ ने महाराजपुर थाने से कवायद शुरू की। फिर २०१८ में तत्कालीन एसएसपी अखिलेश मीणा ने साप्ताहिक अवकाश शुरू किया था। पर तीनों बार इसे बंद करना पड़ा।
चुनाव और त्योहार में हुई दिक्कत
बार-बार साप्ताहिक अवकाश रद करने के पीछे चुनाव और त्योहार भी हैं। प्रदेश में लगभग हर साल कोई न कोई चुनाव होता है। लोकसभा चुनाव तो पूरे देश में एक साथ होता है, पर राज्य स्तर पर विधानसभा चुनाव, निकाय चुनाव, एमएलसी चुनाव, ग्रामपंचायत चुनाव के अलावा छात्रसंघ और शिक्षक संघों के चुनाव होते ही रहते हैं। इसके अलावा राजनीतिक दलों और कई संगठनों के प्रदर्शन आदि के लिए भी पुलिस बल की जरूरत होती है। रही सही कसर त्योहार पूरी कर देते है, जिनमें शांति बनाए रखने के लिए पुलिस की ड्यूटी लगती है।
तनाव दूर रखने को अवकाश जरूरी
देश के कई राज्यों में पुलिसकर्मियों के लिए साप्ताहिक अवकाश लागू है। इसमें केरल में पुलिसकर्मियों के लिए आठ घंटे की शिफ्ट के बेहतर नतीजे सामने आए हैं। इसके विपरीत जहां साप्ताहिक अवकाश लागू नहीं है, वहां के पुलिसकर्मियों में तनाव देखा जाता है, जिसके नतीजे कई बार गंभीर रूप में सामने आते हैं।

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