scriptसर्पदंश से मौत के बाद शव को कर दिया था प्रवाहित, गुरूमाता ने तंत्र-मंत्र के जरिए बच्चे को किया जीवित | kanpur who was dead he returned six years later | Patrika News
कानपुर

सर्पदंश से मौत के बाद शव को कर दिया था प्रवाहित, गुरूमाता ने तंत्र-मंत्र के जरिए बच्चे को किया जीवित

6 साल पहले जहरीली नागिन के डंसने हुई थे बच्चे की मौत, शव को गंगा में कर दिया था प्रवाहित, पर बंजारों के डेरे में जीवित मिला शैलेंद्र

कानपुरOct 26, 2018 / 11:35 am

Vinod Nigam

kanpur who was dead he returned six years later

सर्पदंश से मौत के बाद शव को कर दिया था प्रवाहित, गुरूमाता ने तंत्र-मंत्र के जरिए बच्चे को किया जीवित

कानपुर। घर के इकलौते चिराग को एक गुस्साई नागिन ने डंस लिया। माता-पिता उसे अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने बकाएदा डेथ प्रामण-पत्र के साथ शव का पोस्टमार्टम के लिए पुलिस को बुलाया। पुलिस आती उसके पहले परिजन बच्चे के शव को लेकर चले गए और गंगा में प्रवाहित कर दिया। इकलौते चिराग के बुझ जाने से मां की आंख की रोशनी छिन गई तो पिता भी बीमार रहने लगे। पर कुदरत ने चमत्कार कर दिखया। छह साल के बाद उनका लाल गांव के बाहर बंजारे के ढेरे में खेलता हुआ मिला। जानकारी मिलते परिजन ढेरे में गए। जहां बेटे ने अपने परिजनों को पहचान लिया तो मां ने उसे सीने से लगा लिया। पर बेटा बंजारों का साथ छोड़ने को तैयार नहीं हुआ। मामला थाने पहुंचा। पुलिस ने किशोर व बंजारे के साथ बातचीत कर मामले को निपटाने की बात कह रही है।

गंगा में शव को कर दिया था प्रवाहित
छह वर्ष पूर्व लुधौरा गांव के विनोद के इकलौते बेटे शैलेंद्र(7 वर्ष) को सांप ने काट लिया था। जिसके बाद परिजनों ने मृत मानकर कन्नौज स्थित मेहंदी घाट ले जाकर गंगा में प्रवाहित कर दिया था। इस घटना को परिजन लगभग भुला चुके थे। गत सोमवार को महबूबपुर गांव में आई बंजारों की टोली में किशोर शैलेंद्र को नाचते-गाते देख ग्रामीणों ने विनोद व उसके परिजनों को सूचना दी। इस पर विनोद जब महबूबपुर पहुंचे तो उनको डेरे के रामपुर कूच करने की जानकारी मिली। इस पर विनोद पत्नी गीता व परिजनों के साथ रामपुर गए। वहां परिजनों और किशोर ने एक-दूसरे को पहचान लिया। परिजनों के आग्रह पर किशोर ने परवरिश करने वालों की मर्जी के बिना साथ चलने से इन्कार कर दिया। किशोर के परिजन पुलिस के पास गए। जहां पर बंजारे को बुलाया गया और शैलेंद्र को उसके परिजनों को सौंपने को कहा गया।

गुरूमाता ने किया था जीवित
पप्पू बंजारा निवासी बिनौरा रामपुर ने शैलेंद्र के परिजनों को बताया बच्चा नदी के बहाव के चलते किनारे आ गया। हमारी नजर उस पर पड़ी तो अन्य साथियों की मदद से उसे ढेरा में लेकर आए। बच्चे कर रंग पूरी तरह से काला पड़ा हुआ था। हमने उसके शरीर पर हाथ लगाते फांप लिया कि इसे जहरीले सांप ने डंसा है। इसी दौरान गंगा तट पर रहने वाली गुरूमाता को बच्चे के बारे में बताया। गुरूमाता ढेरे में आई और मंत्रों के बल पर बच्चे को जीवित किया था। पप्पू ने बताया कि सांप के डंसने के करीब 24 घंटे तक इंसान के शरीर पर जान रहती है और उसे तंत्र-मंत्र के जरिए जीवित किया जा सकता है। पर कुछ ही लोगों को ये विद्या आज के वक्त बची है।

गुरू का लेना होगा आदेश
पप्पू बंजारे ने शैलेंद्र के परिजनों को बताया कि अभी वह इस उन्हें नहीं सौंप सकात। इसके लिए उसे गुरूमाता की परमीसन लेनी होगी। वो शैलेंद्र को लेकर गुरू के पाए जाएगा और उनके आदेश के बाद ही बच्चे को सौंपेगा। शैलेंद्र के पिता विनोद ने बताया कि पप्पू मेरे बेटे को लेकर 26 अक्टूबर को आएगा। उसके साथ मेरा छोटा भी गांव गया हुआ है। हम चाहते हैं कि हमारे घर का चिराग फिर से मिल जाए। विनोद की पत्नी गीता ने कहा कि जिस दिन बेटे की मौत हुई, उसदिन मेरी दुनिया उजड़ गई। पर ईश्वर ने उसे दोबरा जीवनदान दिया है। बंजारे ने भी बेटे को सौंपने की बात कही है।

कन्नौज में रहती हैं गुरूमाता
बंजारे ने बताया कि हमारे डेरे की गुरूमाता कन्नौज में रहती हैं और बिना उनके आदेश के बच्चा हम किसी को नहीं दे सकते। बताया बच्चे की जान वापस आने के बाद करीब तीन माह तक गुरूमाता उसे अपने पास रखा। जमीन पर टिला कर जड़ी-बूटियों के जरिए उसके शरीर के पार्ट को एक-एक कर ठीक किया। उन्होंने कहा था कि यदि बच्चे के माता-पिता मिल भी जाएं तो मेरी बिना अज्ञा के उसे उन्हें नहीं सौंपना। वहीं मामले पर चौकी इंचार्ज अरविंद तिवारी ने बताया कि परिजनों के सहमत होने पर बंजारों का दल किशोर को लेकर कन्नौज लौट गया। परिजनों की तहरीर मिलने पर अग्रिम कार्रवाई की जायेगी।

Home / Kanpur / सर्पदंश से मौत के बाद शव को कर दिया था प्रवाहित, गुरूमाता ने तंत्र-मंत्र के जरिए बच्चे को किया जीवित

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो