केडीए उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने बताया कि किदवई नगर आयुर्वेदिक कॉलेज बनाने के लिए 26547 वर्ग मीटर जमीन लीज पर दिया गया था। किदवई नगर के ई ब्लॉक साइड नंबर वन के पास की जमीन को महेश भट्ट विद्यालय को 9 सितंबर 1957 को दिया गया था। जिसमें विद्यालय तथा खेल का मैदान बनाने की योजना थी। लेकिन लीज डीड की शर्तों के अनुसार संस्था को 1 साल के अंदर निर्माण कराना था जिसका पालन नहीं किया गया। इसी बीच 1963 में सोसाइटी ने आयुर्वेदिक विद्यालय को यह भूमि स्थानांतरित कर दी।
केडीए के अनुसार
केडीए के अनुसार संस्था को तीन बार नक्शा पास कराने के लिए अवसर भी दिया। लेकिन स्थिति जस की तस बनी रही। विद्यालय का निर्माण नहीं कराया गया। जो शर्तों का उल्लंघन था। केडीए उपाध्यक्ष ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए आयुर्वेदिक कॉलेज की लीज को निरस्त कर दिया।
केडीए ने अपनी बाउंड्री बनाई
केडीए का दस्ता सुबह जमीन को अपने कब्जे में लेने के लिए पहुंच गया और चारों तरफ बाउंड्री बना अपने कब्जे में ले लिया। केडीए उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने बताया कि पिछले 10 माह में लगभग 1000 को रुपए की जमीन को मुक्त कराया गया है। जिसमें स्वरूप नगर, हरिहर नाथ, शास्त्री नगर, एक्सटेंशन, किदवई नगर की जमीनें शामिल है।