भवन नियमावली में कई नियम ऐसे भी हैं जो अजीब लगते हैं। नक्शा पास कराने के बाद अगर आपने अपनी सुविधानुसान कमरे की ऊंचाई या चौड़ाई कम-ज्यादा की तो यह नियम विरुद्ध माना जाएगा। मकान की चहारदीवारी को ऊंचा करना भी नियमावली के खिलाफ माना जाएगा। ऐसी सूरत में निर्माण को तोडऩा पड़ेगा साथ ही केडीए को जुर्माना भी भरना पड़ेगा।
एक नियम और है जो बिल्कुल जबरन थोपा गया जैसा लगता है। इसके मुताबिक अगर घर के कमरों में बाहर से प्रकाश नहीं आ रहा है तो इसके लिए आपसे जुर्माना भी वसूला जाएगा और कराए गए निर्माण में तोडफ़ोड़ कर प्रकाश की व्यवस्था भी करनी पड़ेगी।
एक अप्रैल के बाद नक्शा पास कराना महंगा हो चुका है। इससे पहले आए आवेदनों पर पुराना शुल्क लगेगा पर बाद में बढ़ा हुआ शुल्क वसूला जाएगा। इसके अलावा नक्शे की प्रतियां लेने की भी दरें बढ़ा दी गई हैं। स्वीकृत ले-आउट, जोनल प्लान और मानक मानचित्रों की अमोनिया प्रति ४८ रुपए प्रति वर्ग फीट, टैसिंग नक्शों की प्रति ४७४ रुपए प्रति वर्ग फीट व रजिस्ट्री के लिए साइट प्लान के लिए ११९ रुपए प्रति कॉपी ली जाएगी।
केडीए के विकास क्षेत्र में निर्माण कराने पर बढ़ा हुआ विकास शुल्क जमा करना होगा। १००० वर्ग मीटर में निर्माण पर ५१००० रुपए अतिरिक्त जमा होंगे। इसमें नक्शा और निरीक्षण शुल्क शामिल नहीं माना जाएगा। पहले ३०० वर्ग मीटर का नक्शा पास कराने के लिए मानचित्र शुल्क २६४० रुपए जमा होते थे जो अब बढ़कर २७३० रुपए हो जाएगा।