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कानपुर

क्रेडिट कार्ड बाद में मिला, पहले हो गई सवा लाख रुपए की खरीदारी

आईसीआईसीआई बैंक का क्रेडिट कार्ड डिलीवर होने से पहले ही एक महिला असिस्‍टेंट प्रोफेसर के खाते से सवा लाख रुपए की खरीदारी हो गई. उन्‍हें क्रेडिट कार्ड मिला तो धोखाधड़ी की जानकारी हुई.

कानपुरDec 17, 2018 / 12:51 pm

आलोक पाण्डेय

kanpur

क्रेडिट कार्ड बाद में मिला, पहले हो गई सवा लाख रुपए की खरीदारी

कानपुर। आईसीआईसीआई बैंक का क्रेडिट कार्ड डिलीवर होने से पहले ही एक महिला असिस्‍टेंट प्रोफेसर के खाते से सवा लाख रुपए की खरीदारी हो गई. उन्‍हें क्रेडिट कार्ड मिला तो धोखाधड़ी की जानकारी हुई. उन्‍होंने रिपोर्ट दर्ज करने के लिए काकादेव थाने, एसएसपी, साइबर सेल से शिकायत की है. अब तक मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई. इसके साथ ही उन्‍होंने रिजर्व बैंक और डीएम से भी शिकायत की है.

ऐसा है मामला
रावतपुर गांव में रहने वाली राधा कुशवाहा सरस्‍वती डिग्री कॉलेज विजय नगर में असिस्‍टेंट प्रोफेसर हैं. उन्‍होंने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक शास्‍त्री नगर में उनका बैंक खाता है. उन्‍होंने अक्‍टूबर 2018 में क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन किया था, लेकिन बैंक प्रबंधन ने रिजेक्‍ट कर दिया. दोबारा 11 नवंबर को क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन किया. 18 नवंबर को कार्ड डिलीवर हुआ. अगले दिन उन्‍होंने कार्ड इस्‍तेमाल करना शुरू किया तो उन्‍हें पता चला कि कार्ड पहले से एक्‍टिवेट है. इतना ही नहीं सवा लाख रुपए की खरीदारी भी हो चुकी है. इसकी चार किस्‍तें भी बैंक से कट चुकी हैं.

धोखाधड़ी की पुष्‍टि
राधा कुशवाहा अपने पति डॉ. दिनेश कुशवाहा के साथ बैंक पहुंचीं और मैनेजर से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद उन्‍होंने काकादेव इंस्‍पेक्‍टर से लेकर एसएसपी तक मामले की शिकायत की है. काकादेव पुलिस की प्राथमिक जांच में धोखाधड़ी की पुष्‍टि हुई है.

बैंक प्रबंधन पर होगी कार्रवाई
काकादेव पुलिस ने अपनी रिपोर्ट लगाकर मामले की जानकारी एसएसपी को भेज दी है. अब एसएसपी की अनुमति मिलने के बाद बैंक प्रबंधन के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्‍य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज होगी.

बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत
पुलिस की जांच में सामने आया है कि बैंक के अंदर से ही कोई कर्मचारी डाटा लीक कर रहा है. पीड़ित के आवेदन पत्र में ई मेल आईडी के साथ ही मोबाइल नंबर भी बदल लिया गया है. जिस कागज और लिफाफे के साथ कार्ड को डिलीवर किया गया है, उस पर बैंक का बार कोड भी नहीं है. इससे एक बात तो साफ है कि बैंक से जुड़ा कोई व्‍यक्‍ति पूरा फर्जीवाड़ा कर रहा है.

एसएसपी की अनुमति मिलने का इंतजार
काकादेव इंस्‍पेक्‍टर राजीव सिंह ने बताया कि जांच में सामने आया है कि आईसीआईसीआई बैंक से गड़बड़ी के बाद ही असिस्‍टेंट प्रोफेसर के साथ धोखाधड़ी हुई है. जांच रिपोर्ट एसएसपी दफ्तर भेज दी गई है. अनुमति मिलने के बाद मामले में रिपोर्ट दर्ज करके आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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