बिना ब्याज का कर्ज
उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद के राष्ट्रीय महासचिव अजय प्रताप सिंह ने बताया कि प्रदेश में जो दूध बाजार में बिक रहा है इसमें से 60 फीसदी मिलावटी है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ऐसे में हमने गांव के किसान व दूसरे राज्यों से अपने घरों में लौटे प्र्रवासी श्रमिकों के लिए बिना ब्याज के कर्जा मुहैया करा उन्हें पशुपालन के जरिए रोजगार देकर महामारी के दौर से उबार सकते हैं। अपना दल एस के नेता ने बताया कि हमने इस प्रोजेक्ट के बारे में पत्र के जरिए सीएम योगी आदित्यनाथ को अवगत करा जल्द से जल्द अमल में लाए जाने की मांग की है।
क्या है योजना
अपना दल एस के नेता ने बताया कि हमने श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के लिए गांव में ही उन्हें दो से लेकर 10 लाख का ऋण उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। जिससे कि वह गौ पालन, बकरी पालन, भैंस पालन कर अपना व परिवार का भरष पोषण कर सकते हैं। ये ऋण लेने में श्रमिकों को कोई दिक्कत न आए इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों के बैंकों को आगे आकर गांवों में कैम्प लगाए जाने की मांग प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से की है।
पार्टी के अंदर सिमट गई योजना
अजय प्रताप सिंह बताते हैं कि पहले की सरकरों ने किसानों के लिए पशुपालन योजना संचालिक की, लेकिन इसका लाभ पात्रों को नहीं मिला। परिवारवाद और पार्टी के अंदर ही योजना सिमट कर रही गई। अपना दल के नेता ने बताया कि पूर्व की सरकरों ने तीन प्रतिशत ब्याज दर पर एक गाय पालने के लिए 25750 रुपये, एक भैंस के लिए 31250 रुपये, एक बकरी इकाई के लिए 28908 रुपयऋण किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए प्रदाय करने की योजना बनाई थी। पर हमने इसके अगल तरह का रोडमैप तैयार किया है।
यूपी दुग्ध का बन सकता हब
अपना दल एस के नेता ले बताया कि इस योजना से करीब लाखों प्रवासी श्रमिकों को लाभ मिलेगा। इससे रोजगार सृजन की व्यापक संभावनाएं बढेंगी और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा। अजय प्रताप कहते हैं कि यदि ये योजना जमीन पर उतरी तो यूपी दुग्ध उत्पादन का हब बन जाएगा। अजय प्रताप कहते हैं कि कोरोना के संकट के बीच अब श्रमिक दूसरे शहरों में जाने के बजाए गांव में रोजगार की तलाश कर रहे हैं। मनरेगा के साथ ही उन्हें पशुपालन योजना का लाभ देकर स्वलंबी बनाया जा सकता है।