तालेबंदी शुरू
प्रयागराज मे कुंभ मेले को लेकर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गंगा को स्वच्छ रखने के लिए कानपुर के अलावा आसपास के जिलों की टेनरियों को पंद्रह दिसबंर से लेकर 15 मार्च तक बंद करने का आदेश दिया था। इसके विरोध में टेनरी मालिक सड़क पर उतर आए और बड़े कारोबारियों ने सीएम से मिलकर इस निर्णय को बदले जाने की मांग की थी। बावजूद सरकार ने उनकी मांगों को दरकिनार करते हुए फैसले को जल्द से जल्द लागू कराए जाने का दबाव प्रशासन पर बनाया। शासन से नोटिस के बाद प्रशासन ने कई टेनरियों में तालाबंदी करा दी है। इसके बाद से शहर के चमड़ा उद्योग को झटका लगा और बड़ी संख्या में श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। इसी को लेकर मंगलवार को समाजवादी पार्टी व प्रान्तीय व्यापार मंडल के तत्वावधान में जाजमऊ में धरना प्रदर्शन किया गया।
कटोरा लेकर मांगी भीख
सपा नेता अभिमन्यु गुप्ता ने नेतृत्व में चमड़ा उद्योग से जुड़े व्यापारियों और मजदूरों ने कटोरा लेकर भीख मांगते हुए नारेबाजी की। सपा नेता समेत व्यापारियों ने सरकार से तत्काल टेनरी बंदी के फैसले को वापस लेने की मांग की। सपा नेता अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार की संवेदनहीनता और लापरवाही का खामियाजा कानपुर के चमड़ा उद्योग को भुगतना पड़ रहा है। सरकार द्वारा ट्रीटमेंट प्लांट ठप होने की बात पर कभी बकाया न अदा करने और कभी कुंभ के नाम पर टेनरी बंद कराने के प्रयास का पूरा विरोध किया जाएगा। समाजवादी पार्टी इन मजदूरों के साथ है और जल्द ही बड़ा आंदोलन किया जाएगा। बावजूद सरकार नहीं मानीं तो समाजवादी लोग सड़क से लेकर संसद में धरना-प्रदर्शन करेंगे।
करीब पांच लाख मजदूर बेरोजगार
सपा ने बताया कि सरकार के इस फैसले से कानपुर के अलावा उन्नाव में करीब पांच लाख मजूदरों के हाथों से रोजगार छिन गया है। जिसके चलते उनके परिवार के खाने के लाले पड़े हैं। मजूदर नेता रहमान ने कहा कि टेनरी मालिकों ने हमें 1 दिसंबर से पहले ही बता दिया था कि अब दूसरी जगह काम की तलाश कर लो। क्योंकि टेनरियां सरकार के आदेश के बाद बंद करनी पड़ रही हैं। अधिकतर टेनरी मालिकों ने मजदूरों का हिसाब कर नौकरी पर नहीं आने के लिए बोल दिया है। मजदूर नेता कहते हैं कि ये मजूदर पिछले कई सालों से चमड़े का कार्य कर रहे थे। इन्हें दूसरा काम भी नहीं मिल सकता। ऐसे में अब परिवार के साथ हमें भीख ही मांगनी पड़ेगी।
न कि उद्योग ही बंद करा देने चाहिए
मोहम्मद शाहरुख ने कहा कि, सरकार को विकल्पों पर गंभीरता से काम करना चाहिए ये, न कि उद्योग ही बंद करा देने चाहिए। विदेश में नदियों के पास ही कॉरिडोर बना उद्योग टाउन की व्यवस्था की जाती है। प्रदूषण रोकने की कई नई तकनीकें आ चुकी हैं। सख्ती से ऐसी तकनीक के प्रयोग पर सरकार को कदम उठाने चाहिये। शब्बीर अंसार ने कहा कि कानपुर को मैनचेस्टर की पहचान देने वाला कॉटन उद्योग खत्म हो चुका है, मौजूदा समय में चमड़ा उद्योग ने ही देश दुनिया में कानपुर की पहचान को कायम रखा है। टेनरियां बंद होने से कानपुर की व्यापारिक और औद्योगिक पहचान हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।