यह कार्यशाला कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि पिछले स्वच्छता सर्वेक्षण में कानपुर का स्थान बहुत बेहतर स्थिति में नहीं था. हालांकि पिछली बार भी प्रयास किए गए थे, लेकिन स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने के लिए एक नहीं बल्कि कई क्षेत्रों में एक साथ बेहतर सामंजस्य स्थापित करके बेहतर सफाई करने की जरूरत होती है. जिसमें पिछली बार कहीं न कहीं थोड़ी चूक हो गई थी. हालांकि इस मामले पर अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. वहीं इस बार ऐसी चूक न हो, इसके लिए अभी से कार्ययोजना तैयार करके काम किया जा रहा है.
बता दें कि वर्कशॉप का शुभारंभ महापौर प्रमिला पांडेय द्वारा किया गया. इस मौके पर नगर आयुक्त संतो कुमार शर्मा ने भी अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए. बताया गया कि इस साल होने वाला स्वच्छता सर्वेक्षण 5000 अंकों का होगा. इसमें सर्टिफिकेशन के लिए 1250, डायरेक्ट ऑब्सर्वेशन के लिए 1250, सर्विस लेवल प्रोग्रेस के लिए 1250 और सिटीजन फीडबैक के लिए भी 1250 अंक आरक्षित किए गए हैं.
एडवाइजरी कमेटी के अखिलेश ने बताया कि सर्विस लेवल प्रोग्रेस स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 के लिए काफी अहम होगा. इसमें कूड़े का डोर-टू-डोर कलेक्शन, ट्रांसपोर्टेशन, सैनिटेशन, आईईसी, कैपेसिटी बिल्डिंग सहित अन्य महत्वपूर्ण बिंदू शामिल हैं. इसमें पिछली बार की तरह स्थानीय लोगों का रोल काफी अहम होगा. इस बार डॉक्यूमेंटेशन और स्वच्छता कार्य साथ-साथ किए जाएंगे. पिछले स्वच्छ सर्वेक्षण में नगर निगम को इसमें कम अंक हासिल हुए थे. बता दें कि 2018 में हुए स्वच्छ सर्वेक्षण में पूरे देश में कानपुर का 65वां स्थान था. वर्कशॉप के दौरान नगर निगम के सभी अधिकारी मौजूद रहे.