इस बारे में सीएसजेएमयू के मीडिया इंचार्ज प्रो. संजय कुमार स्वर्णकार ने बताया कि नकल की रिसर्च को रोकने के लिए यूजीसी की गाइडलाइन को भी एकेडमिक काउंसिल ने ग्रीन सिग्नल दे दिया है. 31 जुलाई 2018 को भारत का राजपत्र 287 रिलीज किया गया है जिसमें चोरी की रिसर्च पर कड़ी सजा का प्रावधान रखा गया है. मतलब साफ़ है कि अगर रिसर्च में चोरी की गई तो सख्त से सख्त सजा का भुगतान करना होगा.
यूनिवर्सिटी के लाइफ साइंस डिपार्टमेंट में बायो केमेस्ट्री, एमएससी न्यूट्रीशियन साइंस, फूड टेक्नोलॉजी, बीएससी व एमएससी बायोटेक्नोलॉजी, एमएससी इनवॉयरमेंटल, एमएससी बायो इनफार्मेटिक्स को जोड़ दिया गया है. ठीक इसी तरह से फैकल्टी ऑफ एडवांस स्टडीज से लाइफ लांग लर्निंग एण्ड एक्सटेंसन, मास्टर ऑफ सोशल वर्क, बीलिब, एमलिब व एलएलएम को जोड़ा गया है.
बता दें कि इस बैठक की अध्यक्षता वीसी प्रो नीलिमा गुप्ता ने की. इस अवसर पर रुहेलखण्ड यूनिवर्सिटी बरेले के पूर्व कुलपति एमडी तिवारी, प्रो. संजय स्वर्णकार, प्रो. संजय श्रीवास्तव, प्रो. आरसी कटियार, डॉ संदीप सिंह, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ नवनीत कुमार मौजूद रहे.