गंगा यात्रा के समापन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम को बिगाडऩे की कोशिश करने वाले पांच पीएफआई के सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उनसे ही जानकारी मिली थी कि पीएफआई का दंगे भडक़ाने में हाथ था। इन पांचों में पीएफआई के और भी सदस्य शहर में सक्रिय होने की जानकारी दी थी, तब से लखनऊ से एटीएस भी सक्रिय हो गई थी। ईडी के साथ मिलकर एजेंसी ने पीएफआई के फंडिंग के नेटवर्क को लेकर भी अहम जानकारियां जुटाई थीं। एटीएस द्वारा लगातार पीएफआई के सदस्यों की खोजबीन के लिए सर्विलांस सिस्टम के जरिए उनके बारे में सूचनाएं एकत्र की जा रही हैं।
पीएफआई के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद एटीएस की जांच में चार संदिग्ध नम्बरों के बारे में जानकारी मिली थी। इन नम्बरों को वह सर्विलांस सिस्टम पर लगाए थे। आईएमईआई नम्बर पता कर उसे सॉफ्टवेयर पर रन कराया गया। पांच सदस्यों की लोकेशन कानपुर में मिली। इसके बाद कानपुर टीम से सम्पर्क कर उन्हें नम्बर दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक नम्बर फिलहाल स्विच ऑफ हैं, जिसके कारण सटीक लोकेशन के बारे में जानकारी नहीं मिल पा रही है।
भडक़ाऊ पोस्ट पर होगी कार्रवाई
डीआईजी अनंत देव ने कहा है कि सोशल मीडिया पर किसी ग्रुप में आपत्तिजनक मैसेज-फोटो या भडक़ाऊ पोस्ट डालने या शेयर करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने शहरवासियों से अपील करते हुए कहा कि यह शहर हम सभी का है इसलिए सबकी जिम्मेदारी है कि अगर कोई आपत्तिजनक मैसेज या फोटो उनके संज्ञान में आता है तो वह पुलिस को तत्काल सूचना दें।