भाई भाभी ने किया बेघर शहर में रहने वाली नीलम के पिता की लगभग सात साल पहले मौत हो चुकी थी। मां पैरालाइसिस से पीड़ित हैं। उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया है। भाई और भाभी ने मां बेटी को घर से पीटकर निकाल दिया था। नीलम अपनी बीमार मां का सहारा थी। लॉकडाउन लगने की वजह से मां बेटी दो वक्त की रोटी के लिए भी मोहताज गई थी। इसलिए नीलम ने तय किया कि जब तक काम नहीं शुरू होता तब तक वे सुबह शाम खाना मांगनों वालों की लाइन में बैठेगी और उसी से अपना और अपनी मां की देखभाल करेगी।
अनिल रोजाना नीलम को बाकी लोगों के साथ खाना बांटता था। इस बीच उसकी नीलम से बातचीत शुरू हुई, तो उसे नीलम की सच्चाई पता चली। अनिल ने बताया कि नीलम के बारे में जानने के बाद उसके मन में नीलम के लिए दया आ गई। अनिल रोजाना उसे व उसकी मां को खाना देने जाता था। धीरे-धीरे अनिल और नीलम एक दूसरे को पसंद करने लगे और शादी करने का फैसला किया। नीलम ने बताया कि घर का हालात देखकर उसने शादी का सपना देखना छोड़ दिया था। उसे इसकी उम्मीद नहीं थी कि अनिल जैसा नेकदिल इंसान उसे मिलेगा।