समान्य से अधिक बारिश
मौसम विभाग की मानें तो यूपी के कई जिलों में हल्की और तेज बारिश हो सकती है। सीएसए के मौसम वैज्ञानिक डाॅक्टर नौशाद खान के मुताबिक 1 जून से 1 सितबंर तक पूरे देश में सामान्य से महज छह प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है। लेकिन इसके बाद मौसम ने करवट बदला और सितंबर माह में 16 साल पुराना रिकार्ड तोड़ दिया। डाॅक्टर नौशाद खान के मुताबिक मॉनसून शुरु होने पर जून से लेकर अब तक बारिश 805 मिमी से अधिक हो चुकी है जो सामान्य से अधिक है। 30 से लेकर 8 अक्टूबर के बीच बारिश हो सकती है।
सितंबर में सबसे ज्यादा बारिश
डाॅक्टर नौशाद खान ने बताया कि सितम्बर माह में अब तक 245.3 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। इससे पहले 2003 में सितम्बर माह में 453 मिलीमीटर बारिश हुई थी। सोमवार को दिन शेष है और संभावना है कि सोमवार को भी बारिश हो सकती है। जिससे आंकड़ें में और बृद्धि होगी। शनिवार तक कुल बारिश 38.4 मिलीमीटर दर्ज की गयी। डाॅक्टर नौशाद खान ने किसानों से अपील की है कि वह धान के खेतों में भरे पानी की निकासी करें। यदि बारिश रूक जाए तो अन्य फसलों से पानी निकासी करें।
बारिश के आंकड़े
डाॅक्टर खान के मुताबिक गुजरात के तटीय इलाकों में और अरब सागर से एक साथ उठने वाली हवाओं की वजह से मानसूनी सक्रियता में इजाफा हुआ है। इसकी वजह से मध्य यूपी के साथ पूर्वी यूपी के जिलों में भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के आंकड़ों में गौर करें तो 2008 से 2017 तक 00 मिमी, 2018 को 5.2 मिमी, 2019 को 90 मिमी बारिश हुई है। वहीं एक दिन में सर्वाधिक बारिश 11 सितंबर को 160 मिमी हुई थी। जबकि सितंबर 2010 को 82 मिमी, 15 सितंबर 2012 को 54.4 मिमी, 6 सितंबर 2018 को 103 मिमी बारिश हुई थी।
गिरे घर, मोहल्लों में भरा पानी
बारिश ने शहर का जन जीवन को बुरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार बारिश के चलते नदियां व नहरें पूरी तरह उफान पर हैं, तो वहीं जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण मोहल्ले टापू बन गए हैं। नवाबंगज के भैरोटी मोहल्ले में बनें करीब तीन सौ कच्चे मकान ढह गए। जिसके कारण आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। रहवासियों ने मदद के लिए शासन-प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन रविवार की सुबह तक कोई नहीं आया।