बताया जाता है कि इस बंदर को मिर्जापुर में एक तांत्रिक ने पाला था। तांत्रिक बंदर को खाने में मांश देता था। पीने में शराब देता था।तांत्रिक की मौत के बाद बंदर बहुत आक्रामक हो गया। इसने अब तक 250 से अधिक लोगों पर हमला किया है। इसके अलावा ये महिलाओं को गंदे इशारे भी करता था। ख़ास तौर पर महिलाएं और बच्चे कालिया के नाम से दहशत खाते थे।
5 साल कैद में रहने के बाद भी, कालिया के व्यवहार में कोई सुधार नहीं आया है। वह अब भी पहले की तरह आक्रामक है। इसी कारण, कालिया को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उसके साथ बंद कई और जानवरों में सुधार देखकर उन्हें मुक्त कर दिया गया है लेकिन वो अब भी कैद है। पशु चिकित्सक डॉक्टर मोहम्मद नासिर के मुताबिक ये बंदर खुले में छोड़ने लायक बिलकुल नहीं है। डॉक्टर के अनुसार इसके आगे के दांत बहुत पैने हैं, जिससे वह लोगों का मांस उखाड़ लेता है।