जमीनों के मैप को देखने की सुविधा बहुत जल्द लागू होने वाली है। जिससे आप अपनी जमीन की स्थिति एक क्लिक के जरिए जान सकेंगे। जमीनों के मैप का डिजीटिलाइजेशन का 60 प्रतिशत से ज्यादा कार्य हो चुका है। अधिकारियों के अनुसार जल्द एक माह के अंदर लोगों को यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
जमीनों के नक्शों के डिजिटिलाइजेशन का कार्य एक साल पहले से चल रहा है। तहसील से जमीनों के नक्शों को वेब पोर्टल पर फीडिंग का कार्य तेजी से चल रहा है। तहसीलदार के मुताबिक 60 प्रतिशत से ज्यादा नक्शों के डिजीटिलाइजेशन का कार्य पूरा हो चुका है और बचे हुए नक्शों कों एक माह के अंदर अपलोड कर दिए जाएंगे।
अभी तक जमीन की खरीद फरोख्त में उसके पूर्व मालिक या फिर दलालों के जरिए ही जमीन से संबंधित सूचनाओं का आदान प्रदान होता था। जिसके चलते कई बार सूचनाएं ठीक से न मिल पाने के कारण जमीन खरीदने का मामले विवादित हो जाते थे। अब राजस्व अभिलेख पहले ही ऑनलाइन हो चुके हैं और लोगों को आनलाइन खतौनी मिल रही है। भूअभिलेख.जीओवी.इन वेबसाइट पर जाकर जमीन संख्या और ग्राम भरने के साथ ही आप यह जान सकते हैं कि उक्त जमीन किसके नाम है।
नक्शा देखने के लिए भूनक्शा.जीओवी.इन नाम से वेबसाइट शुरू होगी। अगले एक से डेढ़ माह में यह साइट पूरी तरह से काम करने लगेगी और लोग इसमें जमीन का नक्शा देख सकेंगे। तहसीलदार अमित गुप्ता ने बताया कि जमीन का बंटवारा होता है और वह बिकती है तो उसका अपडेटेड नक्शा पोर्टल पर फीड किया जाएगा। इसके लिए कुछ ऐसी व्यवस्था की जा रही है की हर माह जमीन की खरीद फरोख्त को लेकर तहसील रिकार्ड की समीक्षा की जाए। इसके लिए नायब तहसीलदार, लेखपालों और लिपिकों की टीम बनाकर कार्य किया जाएगा। जिससे हर माह अपडेटेड नक्शे अपलोड कर दिए जाए। ताकि जो भी नक्शा देखता है उसे वर्तमान की सूचना ही मिल सके।