आईजी रेंज ने बताया कि शहर में जमातियों में ही सबसे अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं। जबकि अभी भी कई जमाती ऐसे हैं जो विदेशों से आकर सीधे घरों में छिप गए हैं। इनसे संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है, इसलिए अब जो जमाती खुद सूचना नहीं देगा और पुलिस या प्रशासन उसे पकड़ता है तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।
जारी किए गए आदेश के मुताबिक जमाती से कोई कोरोना संक्रमण की चपेट में आता है तो उसके खिलाफ हत्या का प्रयास, अगर किसी की मौत होती है तो सीधे हत्या की एफआईआर दर्ज होगी। आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने बताया कि कानपुर में अब तक 119 तबलीगी जमाती सामने आ चुके हैं। इसमें सात जमाती में कोरोना की पुष्टि हुई है, जबकि अन्य को संदेह होने पर क्वारंटीन में अलग-अलग जगह रखा गया है।
पुलिस को जानकारी मिली है कि अभी भी कई जमाती या फिर विदेश से आए लोग अपने घरों में छिपे हुए हैं। जबकि पुलिस लगातार थानेवार क्षेत्रों में एनाउंसमेंट करवा रही है कि जो भी विदेश से आए हों या निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए हों वह सामने आ जाएं। इसके बाद भी एक व्यक्ति सामने नहीं आ रहा है। उसका मेडिकल परीक्षण कराया जा सके। आईजी ने कानपुर के साथ ही रेंज के कानपुर देहात, औरैया, कन्नौज, इटावा और फर्रुखाबाद जिले के एसपी को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
घरों में छिपे जमातियों की तलाश का जिम्मा खुफिया विभाग को दिया गया है। आईजी ने बताया कि पुलिस के साथ ही एलआईयू को गोपनीय जांच के लिए लगाया गया है। विदेश से लौटने वाले अगर कोई सामने आया और उसने पुलिस को पहले से सूचना नहीं दी है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।