क्या है पूरा मामला
बिल्हौर तहसील के चकत्तापुर निवासी परवीन ने बताया कि तीन साल पहले पति को मनरेगा के तहत रोजगार मिलता था। लेकिन यूपी में भाजपा की सरकार बनते ही ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव ने काम देना बंद कर दिया। पति लोगों के घरों में मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता है। महिला के मुताबिक वह कच्चे मकान में रहती है। बारिश के चलते छत गिर गई। अब खुले में बच्चों के साथ रहने को मजबूर हैं। ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव से घर, राशन कार्ड और टाॅयलेट की कईबार मांग की, लेकिन उन्होंने देने से इंकार कर दिया।
जनसुनवाई में लगाई फरियाद
परवीन ने बताया कि बीते मंगलवार को जनसुवाई का कार्यक्रम था। मैं और गांव की अन्य गरीब महिलाएं एसटीएम साहिबा का चैपाल में पहुंची। मैंने जब एसडीएम से अपनी आपबीती बयां की तो मौके पर मौजूद ग्राम सचिव उल्टा मुझ़े डांट-डपक कर चुप कराने का प्रयास किया, लेकिन मैं डरी नहीं। एसडीएम को पूरे मामले की जानकारी दी, लेकिन उन्होंने ग्राम प्रधान के कहनें पर सचिव को क्लीन चिट और मुझे दर्द देकर चली गई।
जान से मारने की धमकी
परवीन ने आरोप लगाते हुए बताया कि एसडीएम से शिकायत करने पर ग्राम प्रधान और सचिव गुस्से से लाल होकर मेरे घर में आकर धावा बोल दिया। पति, बच्चों समेत सभी को जान से मारने की धमकी देकर चले गए। पड़ोसियों के साथ मैं थाने जाकर पुलिस को तहरीर दी। थानेदार ने तहरीर लेकर हमें भगा दिया। परवीन का आरोप है कि ग्राम प्रधान के सिर पर एक भाजपा विधायक का हाथ है और इसी के चलते गरीबों के बजाए अमीरों को सरकारी योजनाएं वह पैसे के बदले दे रहा है।
बदहाल जिंदगी
महिला के आरोप पर पत्रिका टीम गांव पहुंची और मौके पर जाकर देखा तो रोंगटे खड़ी कर देने वाली तस्वीर आंखों के सामनें दिखी। सड़क के बजाए गरीब दो दर्जन परिवार घुटनों से भरे पानी व कीचड़ से निकलनें को मजबूर थे। अधिकतर घर कच्चे तो कई लोग झोपड़ियों में जिंदगी गुजर-बसर कर रहे थे। शुद्ध पेयजल के नाम पर एक हैंडपंप तो लगा था, लेकिन उससे पानी नहीं निकल रहा था। परवीन की तरह अघिकतरों के पास राशन कार्ड नहीं थे।
वोट-नोट के तहत दी योजनाएं
परवीन ने आरोप लगाते हुए बताया कि ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव ने अस्सी फीसदी अमीर लोगों को सरकारी योजनाएं दी हैं। परवीन का आरोप लगाते हुए बताया कि जिसने ग्राम प्रधान को वोट और नोट दिए हैं, उन्हीं के घर के बाहर टाॅयलेटों का निर्माण करवाया गया है। मास्टर, डाॅक्टर के अलावा कारोबारियों के नाम राशन कार्ड में हैं। पीएम आवास की लिस्ट में उनके नाम दर्ज हैं, जबकि हम गरीबों के सिर्फ बदहाल जिंदगी है।
कुछ इस तरह से बोले जिम्मेदार
एसडीएम लक्ष्मी वीएस ने मामले पर बताया कि परवीन नाम की महिला ने ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव के खिलाफ शिकायत की है। पूरे प्रकरण की जांच बीडीओ से कराई जाएगी। दोषी पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। जबकि ग्राम प्रधान ने कहा कि सबको सरकारी योजनाओं का लाभ दिया गया है। सारे आरोप निराधार हैं। जब प्रधान से गांव की तस्वीर और अन्य तत्वों पर बात की गई तो वह बिफर गई और कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।