हमने तो पहले ही कर दी थी भविष्वाणी
उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार में मंत्री रह चुके नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने सपा-बसपा के बीच गठबंधन टूटने पर बताया कि हमनें चुनाव प्रचार के दौरान पहले ही कह दिया था कि 23 मई के बाद मायावती अखिलेश का साथ छोड़ देगी और भाजपा में शामिल हो जाएंगे। अभी उन्होंने एक कदम बढ़ाया है और आने वाले समय में मायावती कुर्सी के लिए कुछ भी कर सकती हैं। जरूरत पड़ेगी तो भाजपा के साथ हाथ मिलाने में गुरेज नहीं करेंगी। पूर्वमंत्री ने कहा अखिलेश यादव ने मायावती को परखने में भूल कर दी और इसी का परिणाम है कि यूपी में उनकी पार्टी पांच सीटों पर सिमट गई।
33 साल तक किया काम
कांग्रेस के नेता ने कहा कि मायावती पहले भी बीजेपी से मिल चुकी हैं और उस पार्टी को अपना वोट ट्रांसफर करा चुकी हैं। सिद्दकी ने कहा कि वो . वे पिछले 33 सालों से मायावती को जानते हैं। जितना वह उनको जानते हैं, उतना मायावती भी स्वयं को नहीं जानती। हम आज भी मायावती का बहुत सम्मान करते हैं.। लेकिन जिस तरह से वो फाएदा की राजनीति करती हैं इसके कारण आने वाले दिनों में बसपा का यूपी से सफाया होना तय हैं। बसपा में सिर्फ मायावती जी की चलती है और सारे निर्णय खुद करती हैं। चुनाव में हार मिलने पर पदाधिकारी व कार्यकर्ता को सजा देकर खुद को बचा ले जाती हैं।
मरते दम तक कांग्रेस में ही रहेंगे
सिद्दीकी ने एक सवाल के जवाब में बसपा में दोबारा शामिल होने की संभावना से इनकार किया। सिद्दगी ने कहा कि वे कांग्रेस में हैं और मरते दम तक कांग्रेस में ही रहेंगे। पार्टी यूपी में लोकसभा हारी है, लेकिन हमारा वोट प्रतिशत बढ़ा है। पार्टी फिर से संगठन को मजबूत करेगी और 11 सीटों के विधानसभा उपचुनाव के अलावा आगामी 2022 के विधानसभा में प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पूरी ताकत के साथ भाजपा को हराएगी। कहा, लोकतंत्र में हार-जीत तो लगी ही रहती है। भाजपा की जीत पर पूर्वमंत्री ने कहा कि उनके नेताओं ने जात-धर्म की राजनीति की और जीत की यही वजह भी रही। जबकि कांग्रेस सभी लोगों को साथ में लेकर चलने वाला दल है।