कुंभ में यूपी कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले से कानपुर के समानांतर दूसरा शहर बस सकता है। बिठूर के उस पास से एक्सप्रेस-वे जाजमऊ होता हुआ शुक्लागंज के पास से गुजरेगा। जिसके चलते इस रूट पर नए निर्माण और आबादी इलाकों का विस्तार होगा। एक्सप्रेस-वे होने के चलते आवागमन तेज होगा तो होटल आदि का निर्माण भी होगा। ऐसे में बिठूर से लेकर शुक्लागंज तक एक्सप्रेस-वे के साथ एक नया शहर बस सकता है।
गंगा एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए केडीए से भी अनुमति लेनी होगी। दरअसल उन्नाव की सीमा में केडीए के अधीन २७ गांव हैं। इसमें बैराज के उस पार तक केडीए का ही क्षेत्र है। इससे पहले ट्रांसगंगा हाईटेक सिटी निर्माण के दौरान केडीए ने स्वीकृति दी थी। इसी तरह गंगा एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए भी केडीए को अपने मास्टर प्लान में संशोधन करना होगा।
गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण यूपीडा करा सकता है। यूपीडा ने ही लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया था। यह भी संभावित है कि इसे पूर्व में प्रस्तावित लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे से जोड़ दिया जाए।
इस क्षेत्र में जमीन के दाम पहले ही आसामान पर हैं। ट्रांसगंगा हाईटेक सिटी निर्माण के चलते कई लोगों ने यहां जमीने खरीद ली थीं। आधा दर्जन से ज्यादा निर्माण परियोजनाएं भी चल रही हैं। उन्नाव की गंगा पुलिस चौकी मोड पर भी दो निजी आवासीय परियोजनाओं का काम चल रहा है।