फंगस के अटैक से रहता ये खतरा फंगस की अधिकता पर रोगी के मॉस्क के चारों ओर या फिर दाढ़ी वाले हिस्से में काले धब्बे पड़ जाते हैं। यह संक्रमण की निशानी है। इसमें मिलने वाले यूवीक्यूटस फंगस नाक, गले से होते हुए श्वसन क्रिया के माध्यम से खून में मिल जाते हैं। यह खून से होते हुए आंख और दिमाग तक पहुंच जाते हैं। इसमें जहां आंखों की रोशनी प्रभावित होती है, वहीं पैरालिसिस का खतरा रहता है। प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होने से लिवर और हार्ट भी खतरे में आ जाते हैैं।
इस तरह दिखते मरीजों में लक्षण न्यूरो साइंस कोविड अस्पताल के नोडल अधिकारी प्रो. प्रेम सिंह ने बताया कि म्यूकॉरमाइकॉसिस की समस्या पोस्ट कोविड मरीजों में देखने को मिली है। उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई है, लेकिन घर जाने पर उनको खांसी, सांस फूलना और अन्य तरह की दिक्कतें हो रही हैं। इसमें बलगम काले रंग का आता है। रोगी को बेचैनी होने लगती है। सीने में दर्द की समस्या रहती है। न्यूरो साइंस कोविड अस्पताल के आइसीयू इंचार्ज प्रो. अनिल वर्मा ने बताया इन फंगस और बैक्टीरिया का अटैक कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण होता है। इससे नाक, कान गले में इन्फेक्शन बढ़ता है। यह नाक के रास्ते कई बार सिर पर भी हमला कर देता है।