कंपनी को 15 अक्टूबर तक शासन स्तर से वर्क ऑर्डर जारी होना था. कंपनी के सिक्योरिटी मनी के रूप में 24 करोड़ रुपए जल निगम के खाते में जमा भी कर दिए थे, लेकिन अचानक ही कंपनी ने जल निगम को जवाब देना बंद कर दिया. कंपनी को कई नोटिस भी जारी किए जा चुके है. अब एनएमसीजी कंपनी को फाइनल नोटिस दे रही है. इसके बाद किसी अन्य कंपनी को टेंडर दिया जाएगा.
कंपनी ने ऐसे वक्त में कार्यों से मुंह मोड़ा है, जबकि नमामि गंगे के तहत युद्ध स्तर पर गंगा को निर्मल बनाने के कार्य हो रहे हैं. पूरी क्षमता से एसटीपी के संचालन न होने से पूरी कवायद पर पानी फिर जाएगा. अर्द्धकुंभ की तैयारियां भी अंतिम चरण में हैं. सूत्रों के मुताबिक कंपनी को एसटीपी संचालन और मेंटेनेंस के लिए काफी कम वक्त मिल रहा था. ऐसे में कंपनी ने मना कर दिया है.
कंपनी को 15 साल तक एसटीपी का मेंटेनेंस भी करना है, जिसके लिए 400 करोड़ रुपए का बजट अलॉट किया गया है. केंद्र और राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 500 करोड़ का बजट भी जारी कर दिया है. मेंटेनेंस में बिजली, पंपिंग स्टेशन और होने वाले निर्माण को भी शामिल किया गया है. केंद्र सरकार ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस का पूरा खर्च उठाएगी. मौजूदा समय में बिनगवां प्लांट जीएस जॉली कंपनी चला रही है, इसी कंपनी ने इसका निर्माण किया था. वहीं सजारी एसटीपी एसटीएमएल कंपनी चला रही है. ऐसे ही जाजमऊ में स्थित एसटीपी और सीईटीपी का संचालन प्राइवेट कंपनी कर रही है.