नोडल अफसर के मुताबिक एंबुलेंस का आवंटन होते ही कंपनी लिंक भेजती है, जिससे लोकेशन ट्रेस कर सकते हैं। इस सुविधा को बेहतर बनाने के लिए सेवा प्रदाता कंपनी ने एंबुलेंस में लगे जीपीएस ठीक कराने के साथ ही एप को अपडेट कराकर एंबुलेंस की ट्रैकिंग का नया फीचर जोड़ा है। इससे अब एंबुलेंस एलाट होते ही उस क्षेत्र में मौजूद नजदीकी एंबुलेंस को एप अपने आप बुक कर देता है। जैसे ही एंबुलेंस बुक होगी तो काल करने वाले के मोबाइल पर लिंक पहुंचता है।
इस तरह स्मार्ट फोन पर उस लिंक के जरिए एंबुलेंस को ट्रेस कर सकते हैं। नोडल अधिकारी 108 व 102 एंबुलेंस सेवा डॉ राजेश गुप्ता ने बताया कि एंबुलेंस की ट्रैकिंग शुरू होने के बाद से देरी से पहुंचने की शिकायतें तकरीबन खत्म हो गईं हैं। कई बार एंबुलेंस जाम में फंसने से दिक्कत होती है। हैलट में एंबुलेंस को विलंब से छोडऩे की शिकायतें भी हैं। इसे दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।