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कानपुर

अब टीटीई नहीं कर सकेंगे आरएसी यात्रियों के हक से खिलवाड़

राजधानी और शताब्‍दी एक्‍सप्रेस के आरएसी टिकट पर यात्रा करने वाले यात्रियों की सीट अब टीटीई किसी और को बेच नहीं सकेंगे. वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को भी नंबर के हिसाब से वरीयता दी जाएगी. दरअसल रेलवे ने सीटों के आवंटन में पारदर्शिता लाने के लिए राजधानी और शताब्‍दी एक्‍सप्रेस के टीटीई को टैबलेटनुमा डिजिटल डिवाइस देनी शुरू कर दी गई है.

कानपुरDec 26, 2018 / 12:40 pm

आलोक पाण्डेय

Kanpur

अब टीटीई नहीं कर सकेंगे आरएसी यात्रियों के हक से खिलवाड़

कानपुर। राजधानी और शताब्‍दी एक्‍सप्रेस के आरएसी टिकट पर यात्रा करने वाले यात्रियों की सीट अब टीटीई किसी और को बेच नहीं सकेंगे. वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को भी नंबर के हिसाब से वरीयता दी जाएगी. दरअसल रेलवे ने सीटों के आवंटन में पारदर्शिता लाने के लिए राजधानी और शताब्‍दी एक्‍सप्रेस के टीटीई को टैबलेटनुमा डिजिटल डिवाइस देनी शुरू कर दी गई है. इसको हैंड हेल्‍ड टर्मिनल का नाम दिया गया है. इसकी शुरुआत दिल्‍ली-मुंबई राजधानी एक्‍सप्रेस से की गई है. इसके बाद कानपुर से होकर गुजरने वाली सभी छह राजधानी और दिल्‍ली से कानपुर, लखनऊ के बीच चलने वाली शताब्‍दी एक्‍सप्रेस में के भी टीटीई को दी जाएगी. टीटीईइस मशीन में खाली सीट की जानकारी भरेंगे. इसके बाद सिस्‍टम की मदद से आरएसी टिकट वाले यात्री के पास सीट नंबर का मैसेज पहुंच जाएगा.

ऐसी होगी ये डिवाइस
इस डिवाइस में इंटरनेट और जीपीआरएस सिस्‍टम होगा, जो सीधे रेलवे के पीआरएस (आरक्षण सिस्‍टम) से जुड़ा होगा. ट्रेन छूटने पर स्‍टॉपेज वाले स्‍टेशनों के पहले डिवाइस को अपडेट करना होगा. किसी यात्री ने आरक्षण चार्ट बनने के बाद भी यात्रा नहीं की और उसकी बर्थ खाली रह गई तो टीटीई इसकी जानकारी डिवाइस में भरेगा. ये सीधे रेलवे के रिजर्वेशन सिस्‍टम में जाएगी. इससे पहले आरएससी टिकटधारी की सीट कन्‍फर्म होगी और वेटिंग वाले को आरएसी मिल जाएगी. ऐसे में अगर टीटीई ने झूठ बोला और किसी दूसरे को बिना नाम, पते से खुद ही पुराने यात्री के नाम से किसी को सीट को आवंटित कर दी तो वह वेरिफिकेशन में पकड़ा जा सकता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि यात्री ने टिकट निरस्‍त कराया है तो इसकी जानकारी पीआरएस पहुंचेगी और उसके माध्‍यम से संबंधित टीटीई की डिवाइस में नोटिफिकेशन आ जाएगा. हालांकि अगर यात्री टिकट निरस्‍त नहीं कराता है तो इस स्‍थिति में टीटीई सीट बेच सकता है.

इन ट्रेनों में तो मचती है लूट
कानपुर और लखनऊ से नई दिल्‍ली के बीच चलने वाली रिवर्स शताब्‍दी और स्‍वर्ण शताब्‍दी एक्‍सप्रेस में आए दिन यात्रियों को रुपए देकर सीटें देने की शिकायत होती है. पिछले महीने ही रेलवे बोर्ड की विजिलेंस टीम ने शताब्‍दी में छापेमारी करके इस तरह की अनियमितताएं पकड़ी थीं.

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