इंस्टीट्यूट के पूर्व छात्र व ग्लोबल केन शुगर के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. जीएससी राव ने वर्ष 1977 में शुगर इंस्टीट्यूट से पीएचडी की थी. इस बारे में डायरेक्टर प्रो. नरेंद्र मोहन अग्रवाल ने बताया कि डॉ. राव ने गुरु दक्षिणा के रूप में स्पेशल शुगर डिवीजन डेवलप करने के लिए 25 लाख रुपए दिए हैं.
इस मौके पर डॉ. राव ने कहा कि जहां से उन्हें ज्ञान मिला है, उसके वह जीवन पर्यन्त ऋणी रहेंगे. बस कोशिश इस बात की है कि यह ऋण किसी न किसी रूप में उनके ऊपर से उतर जाए और इसके लिए वह हर तरह की कोशिश करेंगे. आज भी वह इसी कोशिश में लगे हुए हैं.
इस मौके पर मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स फूड एण्ड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन स्टेट मिनिस्टर गवर्नमेंट ऑफ इंडिया सीआर चौधरी ने कहा कि शुगर इंडस्ट्री को क्वालिटी व वैरायटी दोनों पर ही फोकस करना होगा. अभी इंडिया में 50 लाख हेक्टेयर एरिया में शुगर केन का प्रोडक्शन किया जा रहा है.
अब कोशिश यह की जानी है कि प्रोडक्शन बरकरार रहे और एरिया कम किया जाए. ताकि खाद्यान के क्षेत्र में बैलेंस बना रहे. शुगर इंडस्ट्री उतनी ही शुगर बनाए, जितनी मार्केट मे मांग हो. मार्केट में वैरायटी वाली शुगर की मांग दिन पर दिन बढ़ रही है. एनएसआई के स्पेशल शुगर डिवीजन का फायदा शुगर इंडस्ट्री को आने वाले वक्त में मिलने लगेगा.