बाजार में मोटापा घटाने को लेकर सैकड़ों ब्रांड बाजार में हैं। लोग बिना किसी सलाह के इन दवाओं का सेवन कर रहे हैं। एफडीए ने मोटापा घटाने वाली कुछ ही दवाओं को संस्तुति दी है पर उसका लाभ भी चार से पांच फीसदी ही मिल पाता है। इसके अलावा हर्बल-टी और ग्रीन-टी का भी ज्यादा फायदा नहीं होने वाला।
मोटापे से सौ बीमारियां घेर लेती हैं। इससे मानसिक सुस्ती, स्लीप एप्रिया, ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक, डायबिटीज के बाद अब कैंसर को भी बढ़ावा मिल रहा है। पुरुषों में बड़ी आंत और प्रोस्टेट कैंसर की वजह मोटापा बन रहा है। जबकि महिलाओं में बच्चेदारी का और ब्रेस्ट कैसर भी मोटापे से हो रहा है।
डॉ. अतुल ने बताया कि मोटापे का सीधा संबंध खानपान से है। इसलिए उतना ही खाएं जितना कैलोरी जला सकें। ज्यादा बैठने वाले उतना ही खाएं जितने में भूख मिट जाए। स्वाद के चक्कर में ना रहें। खाना भी ऐसा खाएं जो पौष्टिक होने के साथ जल्दी पच जाए। लिक्विड डाइट पर ज्यादा जोर दें और भारी भोजन से परहेज करें।
मोटापा कम करने के लिए सबसे जरूरी है कैलोरी जलाना। इसके लिए व्यायाम करना आवश्यक है। जितना ज्यादा व्यायाम करेंगे, मोटापे से उतनी जल्दी राहत मिलेगी। इसके अलावा ३००-४०० ग्राम कैलोरी कम खाएं।
मोटापे के लिए फास्टफूड ज्यादा जिम्मेदार होता है, इसलिए घर का बना खाना खाएं और हरी सब्जियों और दालों को प्राथमिकता दें। नाश्ते में अंकुरित अनाज बेहतर नतीजे दे सकता है, पानी भी खूब पिएं और रात में हल्का भोजन करें। भोजना करने के तुरंत बाद न सोएं, बल्कि थोड़ा टहलें जरूर।