विनोद निगम
कानपुर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नोटबंदी के एलान के बाद राहुल गांधी, मायावती, ममता बनर्जी सहित पूरा विपक्ष इस इतिहासिक फैसले के चलते आज एक साथ खड़ा हो गया है। हो भी क्यों न, क्योंकि जनता के पैसे से इन दलों के नेताओं ने अपनी तिजोरियां जो भर ली हैं और अब वह रुपया किसी काम का नहीं रहा। इसी के चलते वह संसद की कार्यवाही नहीं होने दे रहे हैं। तीन दिन से सदन की कार्यवाही ठप पड़ी है। इससे जनता के पैसे का नुकसान हो रहा है। हम बहस के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री भी सदन में मौजूद रहते हैं बावजूद इसके कांग्रेस तैयार नहीं। केवल सदन की कार्यवाही में व्यवधान पैदा करना उनका काम रह गया है। यह बात शुक्रवार को शहर आए केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कही।
पीएम का कदम गरीबों के हित में
केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने नोटबंदी को लेकर नरेंद्र मोदी की तारीफ में कसीदे पढ़े। उन्होंने पीएम मोदी के इस कदम को गरीबों के हित में बताया। रूडी बोले एक कैशलैस सोसायटी की स्थापना करना ही हमारा वीजन है। उधर, कांग्रेस का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, वह सदन नहीं चलने दे रहे। रोजाना संसद की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ रही है। राहुल गांधी लोकसभा में अपनी बात नहीं रखते वे जनता के बीच में जाकर हो हल्ला मचाते हैं। यूपी की जनता ने अभी लोकसभा से उनकी सीट नहीं खाली करवायी है। तीन साल के बाद वह संसद भी नहीं बन पाएंगे, क्योंकि अमेठी की पब्लिक नोटबंदी के पक्ष में हैं जो कांग्रेस के युवराज को दिखाई नहीं पढ़ रहा है। कालाधन और काला व्यापारियों के खिलाफ चल रहे अभियान से राहुल जी में बहुत व्याकुलता होती है पता नहीं कब समाप्त होगी।
केंद्रीय मंत्री 19 दिसंबर को आयोजित पीएम मोदी की रैली के लिए चुने गए सभा स्थल का मुआयना भी किया। इस दौरान उनकी मीडिया से बातचीत हुई।
केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता
राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे बड़ा मिशन ‘कौशल विकास अभियानÓ है। इस अभियान को हम उत्तर प्रदेश में निरंतर जारी रखेंगे। रूडी ने कानपुर की ईटीआई को विश्व स्तर का दर्जा दिलाने की बात कही। उन्होंने कहा, जिनके पास हुनर है उनके प्रशिक्षण के लिए राज्य में कार्य होगा। इसके लिए एटीआई कानपुर का फिर से नवनिर्माण होगा। कानपुर से ही इसके शिलापट की योजना तैयार की गई है। राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि उनका मंत्रालय खस्ताहाल इंजीनियरिंग कॉलेजों और पॉलिटेक्निक संस्थानों को उबारने में मदद करेगा।