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कानपुर

तीन दिनों तक बीमार बुजुर्ग मां बाप की घर में सड़ती रहीं लाशें, बेटे-बहू को नहीं लगी भनक, घर का चूल्हा बयां कर रहा था ऐसी दास्तां

इस आपदाकाल में अपनों ने साथ छोड़ दिया और तड़पकर बुजुर्ग दंपति ने दम तोड़ दिया।

कानपुरMay 13, 2021 / 07:02 pm

Arvind Kumar Verma

तीन दिनों तक बीमार बुजुर्ग मां बाप की घर में सड़ती रहीं लाशें, बेटे-बहू को नहीं लगी भनक, घर का चूल्हा बयां कर रहा था ऐसी दास्तां

तीन दिनों तक बीमार बुजुर्ग मां बाप की घर में सड़ती रहीं लाशें, बेटे-बहू को नहीं लगी भनक, घर का चूल्हा बयां कर रहा था ऐसी दास्तां

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. जिस बेटे को पाल पोषकर बड़ा किया उसने अपने बीमार बूढ़े माता-पिता के हालचाल तक नही पूछे। एकांत घर में रह रहे माता पिता की बीमारी से जूझते हुए कब सांसे टूट गई कोई नहीं जान सका। शवों की दुर्गंध आने पर पड़ोसियों ने उनके बहू बेटे को जानकारी दी। कानपुर के घाटमपुर क्षेत्र के हथेरुआ की इस घटना ने लोगों को हिलाकर रख दिया। इस आपदाकाल में अपनों ने साथ छोड़ दिया और तड़पकर बुजुर्ग दंपति ने दम तोड़ दिया। तीन दिनों तक उनके शव घर में सड़ते रहे और बहू बेटे को भनक तक नहीं लग सकी। एक बार फिर से मानवता ने दम दिया। पड़ोसियों से जानकारी मिलने पर परिजनों ने जब दीवार से कूदकर गेट खोला तो बुजुर्गों की सड़ती लाशें देख होश उड़ गए।
हथेरुआ गांव में मुरली संखवार (80) पत्नी रामदेवी (75) के साथ अलग घर में रहते थे। मुरली संखवार का बेटा बिहारी अपनी पत्नी और बेटे अरविंद व बहू साधना के साथ गांव के बाहर अलग रहते थे। बताया गया कि बुजुर्ग दंपति को एक हफ्ते से बुखार और खांसी आ रही थी। दंपति में कोरोना जैसे लक्षण थे। लेकिन किसी ने उनका उपचार नहीं कराया, न ही किसी ने हाल पूछे। शवों को देखे अंदाजा लगाया गया कि तीन दिन पहले मौत हुई थी। घर में मृत महिला सोमवती के हाथ में बर्तन था और मृतक मुरली का शव चारपाई पर था। जिससे अनुमान लगाया गया कि बुजुर्ग महिला प्यास लगने पर पानी लेने जा रही होगी।
वहीं घर के साफ सुथरे पड़े चूल्हे को देख ये स्पष्ट हुआ कि कई दिनों से बुखार आने की वजह से बुजुर्गो ने खाना भी नहीं खाया था। बीमारी के चलते परिवार और पड़ोसियों ने दूरी बना रखी थी। जबकि दंपति की वद्धा पेंशन आती थी, इसके साथ ही खेतों भरपूर अनाज मिलता था। घाटमपुर कोतवाल धनेश प्रसाद का कहना है कि दंपति के शवों का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है। दंपति बेटे-बहू से अलग रहते थे, इसके साथ ही दंपति घर से बहुत ही कम बाहर निकलते थे। इसलिए किसी ने ध्यान नहीं दिया कि उनकी मौत हो गई है।
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