जब शहर में आधार सेंटर्स की पड़ताल की गई तो मालूम चला कि कानपुर में करीब 50 आधार सेंटर्स हैं, जिनमें 50 परसेंट से ज्यादा खराब पड़े हैं. ऐसे में लोगों को आधार से रिलेटेड कोई भी काम कराने के लिए काफी भटकना पड़ रहा है, जो चल रहे हैं वो भी पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहे हैं. इससे पब्लिक परेशान हो रही है. प्राइवेट वेंडर्स की बढ़ती अवैध वसूली के चलते सरकार ने सभी प्राइवेट आधार वेंडर्स को बंद कर दिया था. नियमों के तहत हर शहर में सभी प्राइवेट बैंकों की 10 परसेंट शाखाओं और पोस्ट ऑफिसेस में आधार सेंटर खोला जाना अनिवार्य कर दिया गया था. शहर में 18 बैंकों की ब्रांचेज में आधार कार्ड बनाने के लिए सिस्टम इंस्टॉल किया गया था, लेकिन यूआईडीएआई की वेबसाइट में दी गई जानकारी के मुताबिक शहर में 25 से ज्यादा जगहों पर आधार सेंटर खराब हैं.
इंडियापोस्ट की कई शाखाएं ऐसी हैं, जहां आधार बनाने का काम बंद है. वहीं ज्यादातर प्राइवेट बैंक में आधार कार्ड का कार्य पूरी तरह से बंद है. अधिकारियों के मुताबिक प्राइवेट बैंक इस काम में इंट्रेस्ट नहीं ले रहे हैं और टेक्निकल प्रॉब्लम बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं. ट्रांसपोर्ट नगर में प्राइवेट बैंक की 3 शाखाओं में आधार सिस्टम इंस्टॉल है, लेकिन एक में भी काम नहीं चल रहा है. यही हाल अन्य क्षेत्रों का भी है.
आधार कार्ड व्यवस्था पोस्ट ऑफिसेस और बैंक में शुरू करने से पहले सभी कर्मचारियों को आधार सिस्टम ऑपरेट करने की ट्रेनिंग दी गई थी. ताकि किसी भी कर्मचारी का ट्रांसफर होने के बाद उसकी जगह आए नए कर्मचारी के आने से काम प्रभावित न हो. शहर में लगभग 99 परसेंट लोगों की आधार आईडी बन चुकी है. नए बच्चों और आधार कार्ड अपडेट करने का कार्य ही किया जाता है, लेकिन इसके लिए भी लोगों को भटकना पड़ रहा है.
शहर के आउटर एरिया सरसौल, सचेंडी, महाराजपुर में आधार कार्ड बनाने का काम लगभग ठप ही है. सरसौल और सचेंडी में इंडिया पोस्ट में आधार बनाने का काम किया जाता है, लेकिन पिछले 1 महीने से वह भी बंद है.