इस प्राचीन के बारे में क्षेत्र के बुजुर्ग बताते हैं कि मनइया सेठ के मंदिर के नाम से मशहूर इस राधा कृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी के दिन लोग तैयारियां करते हैं। यहां संगीत एवं लीला का विशेष आयोजन कई सालों से होता चला आ रहा है। दूर दराज से लोग भगवान के दर्शन करने मंदिर आते हैं। बताया गया कि वर्तमान समय में स्थानीय निवासी सुब्रत गुप्ता इसकी देखभाल करते हैं। सुब्रत गुप्ता ने बताया कि जन्माष्टमी में एक पखवारे का कार्यक्रम कीर्तन भजन का चलता रहता है।
खास बात यह है कि यहां मंदिर के अंदर मूर्ति की फोटो लेना वर्जित है। मंदिर के पुजारी रामपाल शुक्ला ने बताया कि मंदिर की मूर्ति का चित्र आज तक किसी ने कैमरे या मोबाइल से नहीं लिया है। मंदिर निर्माण से लेकर आज तक किसी को फोटो नहीं खींचने दी गयी। लोगों ने बताया कि जन्माष्टमी पर भजन कीर्तन के अलावा वामन द्वादशी को विशेष कार्यक्रम होता है, जिसमें भगवान वामन का डोला उठता है और राम तलैया में जाकर वे जल विहार करते हैं। यह कार्यक्रम तीन दिन चलता है। अनंत चतुर्दशी को उसका समापन होता है।