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कानपुर

लोगों को करना होगा विश्वास, डायबिटीज़ धुंधली कर रही हैं आंख

डायबिटीज़ की गिरफ्त में आए 500 रोगियों में सिर्फ पांच को ही पता है कि हाई ब्‍लड शुगर आंखों की रोशनी को धुंधला कर सकती है. अधिकांश लोगों हाई ब्‍लड शुगर के खतरों से अभी भी अंजान हैं. वे इस पर ध्‍यान ही नहीं देते जब तक उनको आंख से देखने में दिक्‍कत बढ़ नहीं जाती. ये तथ्‍य इंडियन ऑप्‍थेलमोजिकल सोसाइटी (आईओएस) के ज्‍योति से ज्‍योति जलाओ अभियान के तहत हुई स्‍क्रीनिंग में पता चला है.

कानपुरNov 27, 2018 / 04:22 pm

आलोक पाण्डेय

Kanpur

लोगों को करना होगा विश्वास, डायबिटीज़ धुंधली कर रही हैं आंख

कानपुर। डायबिटीज़ की गिरफ्त में आए 500 रोगियों में सिर्फ पांच को ही पता है कि हाई ब्‍लड शुगर आंखों की रोशनी को धुंधला कर सकती है. अधिकांश लोगों हाई ब्‍लड शुगर के खतरों से अभी भी अंजान हैं. वे इस पर ध्‍यान ही नहीं देते जब तक उनको आंख से देखने में दिक्‍कत बढ़ नहीं जाती. ये तथ्‍य इंडियन ऑप्‍थेलमोजिकल सोसाइटी (आईओएस) के ज्‍योति से ज्‍योति जलाओ अभियान के तहत हुई स्‍क्रीनिंग में पता चला है. 14 नवंबर का डायबिटीज डे के मौके पर नेत्र रोग विशेषज्ञों ने शिविरों का आयोजन करके बड़ी तादाद में लोगों की स्‍क्रीनिंग की. इन स्‍क्रीनिंग के आंकड़ों को अब संकलित किया गया है.
ऐसी है जानकारी
ज्‍योति से ज्‍योति जलाओ अभियान का पहला चरण स्‍क्रीनिंग का है. परेशानी में डालने वाली बात ये है कि इस दिन पांच हजार से अधिक लोगों ने अलग-अलग जगहों पर अपनी आंखों की जांच कराई. इनमें से एक चौथाई लोग ऐसे रहे हैं जिनकी आंखों में हाई ब्‍लड शुगर का प्रभाव बढ़ने लगा है. इससे डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण उजागर होने लगे. इसके बावजूद लोग अंजान हैं पूरी तरह से. यूपी स्‍टेट ऑप्‍थेलमोजिकल सोसायटी के पूर्व सचिव डॉ. मलय चतुर्वेदी का कहना है कि पांच सौ में सिर्फ पांच लोग ही जागरूक हैं. ओपीडी में डायबिटिक रेटिनापैथी के मरीजों की संख्‍या दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है.
ऐसा बताया डॉक्‍टरों ने
मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आरएन कुशवाहा का इस बारे में कहना है कि लाला लाजपत राय अस्‍पताल की ओपीडी और शिविरों में सभी रोगियों को डायबिटिक रेटिनोपैथी के मद्देनजर स्‍क्रीनिंग ली जा रही है. आईओएस के ज्‍योति से ज्‍योति जलाओ अभियान के दूसरे चरण में घर-घर जाकर लोगों की कॉर्निया की फोटो लेने की योजना तैयार की गई है. इसके लिए लोगों के पास मोबाइल फोन होना शर्त है. उसे फोटो लेकर रेटिना रीडिंग सेंटर भेजना पड़ेगा. यहां विशेषज्ञ रेटीना की जांच करके व्‍यक्‍ति को बता देंगे कि डायबिटिक रैटिनोपैथी का खतरा बढ़ गया है. फोटो खींचने वाले को मानदेय की भी व्‍यवस्‍था होगी.

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