scriptबुंदेलखंड के गांवों की देहरी अपनों से मांग रही ‘सबूत’ | outsiders are not allowed to enter in bundelkhand villages coronavirus | Patrika News
कानपुर

बुंदेलखंड के गांवों की देहरी अपनों से मांग रही ‘सबूत’

दूसरे शहर से आ रहे लोगों को स्कूलों के अलावा पंचायत भचनों में रूकने की व्यवस्था ग्रामीणों ने की, सभी को भोजन के साथ हर सुविधा भी करा रहे मुहैया, जांच के बाद ही प्रवेश की अनुमति।

कानपुरApr 02, 2020 / 04:48 pm

Vinod Nigam

बुंदेलखंड के गांवों की देहरी अपनों से मांग रही ‘सबूत’

बुंदेलखंड के गांवों की देहरी अपनों से मांग रही ‘सबूत’

झांसी। कोरोना वायरस के चलते देश भर में 21 दिन के लाॅकडाउन से सबसे ज्यादा बंुदेलखंड प्रभावित हुआ है। यहां के मजदूर कई शहरों में मजदूरी करते थे, लेकिन फैक्ट्रियां बंद होने से वह अपने-अपने घरों की तरफ पैदल ही चल पड़े हैं। पर उन्हें अब अपने गांव में ही एक नई समस्या से रूबरू होना पड़ रहा है। ग्रामप्रधानों के अलावा अन्य ग्रामीणों ने साफ तौर पर कहा कि पहले स्वास्य होने का प्रमाण पत्र लेकर आवो, तभी घर की देहरी के लांघने दी जाएगी।

स्कूल में रखा गया
बूंदेलखंड में रोटी-रोजी के जुगाड़ को लेकर पलायन बड़ी समस्या है। लाखों लोग पुरखों के गांव को छोड़कर परदेश को ही आसरा मानकर चले गए थे। लेकिन अब जैसे ही कोरोना महामारी शुरू हुई तो एक बार फिर उन्हें अपना गांव ही सुरक्षित लगने लगा है। पलायन करने वाले लोग सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर गांव लौट रहे हैं। बुंदेलखंड के हर जनपद के हर गांव में लोगों के लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है। कोरोना फैलने के बाद गांव में लोग इस बात से आशंकित हैं कि कहीं कोई अपने साथ महामारी लेकर तो नहीं आया। इसी को लेकर अब गांव की देहरी लांघने के पहले उसे गांव बाहर ही ठहराया जा रहा है। जब बीमारी ग्रस्त न होने का सुबूत मिलता है तभी उसे गांव में घुसने को मिल रहा है।

भैंसमरी गांव के स्कूल में रखा गया
हमीरपुर जनपद के मौदहा तहसील के भैंसमरी गांव आए दंपति को प्रधान जीपी बाजपेयी ने स्कूल में ठहराया। राम कुमार एवं अनीता ने बताया कि नोएडा गाजियाबाद से कई साधन बदलते कई किलोमीटर पैदल चल आज भैसमरी में आए हैं। नोएडा में कंपनी वालो ने खाने पीने का भरोसा तो दिया मगर कोई मदद नहीं की। जिससे लौटना पड़ा। हमें स्कूल में रूकने को कहा गया है। अन्य ग्रामीणों के साथ हम पिछले तीन दिन से स्कूल पर रूके हैं और जब स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के बाद कोरोना नहीं होने का प्रमण पत्र देगी तब हम अपनी देहरी के अंदर प्रवेश कर सकेंगे।

पहाड़ी में भी स्कूल में रखा गया
महोबा के पहाड़ी गांव के अधिकतर ग्रामीण दिल्ली, फरीदाबाद और गाजियाबाद में मजदूरी करते हैं। फरीदाबाद से पैदल चलकर गांव पहुंची सोनू व उसके भाई को ग्रामप्रधान के अलावा अन्य ग्रामीणों ने रोक लिया। दोनों के रहने की व्यवस्था स्कूल में करवाई। सोनू ने बताया कि यहां पर दो दिन से हम रूके हुए हैं। ग्रामप्रधान की तरफ से सुबह नाश्ता, दोपहर और शाम को भोजन उपलब्ध कराया जाता है। जल्द ही स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव आएगी और हमारी जांच करगी। हमारी रिपोर्ट निगेटिव आएगी तो घर की देहरी के अंदर कदम रख सकेंगे। सोनू ने ग्रामप्रधान की इस पहल का स्वागत किया है।

हाउस टू हाउस मैपिंग का काम
झांसी में जहां बाहर से आए लोगों को स्कूलों के अलावा अन्य स्थानों पर ठहराया गया है तो वहीं पूरे जिले में हाउस टू हाउस मैपिंग का काम भी चल रहा है। डीएम आंद्रा वामसी ने बताया ये काम 5 अपैल तक पूरा करने के लिए सरकारी तंत्र के साथ इस काम में सामाजिक संगठन, व्यापारिक, धार्मिक संस्थाएं संगठन आदि का भी सहयोग लिया जाएगा। इनके जरिए बाहर से आने वालों के अलावा कोरोना के लक्षण वाले लोगों को ब्योरा जुटाया जाएगा। बताया, फिहलाल झांसी में अभी तक एक भी कोरोना का मरीज नहीं हैं।

Home / Kanpur / बुंदेलखंड के गांवों की देहरी अपनों से मांग रही ‘सबूत’

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो