ये था पूरा मामला दरअसल कानपुर के बर्रा आठ की कच्ची बस्ती की एक महिला ने पड़ोस में रहने वाले सद्दाम, सलमान व मुकुल पर बेटी से छेड़छाड़ और 20 हजार रुपये का लालच देकर मतांतरण कराने का आरोप लगाया था। जिस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया, लेकिन मतांतरण की धारा हटा दी थी। इस पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को कच्ची बस्ती में हंगामा किया। उसी दौरान सात वर्ष की बच्ची के साथ जा रहे दूसरे पक्ष के अफसर को देख कार्यकर्ताओं ने उसके साथ मारपीट कर पुलिस को सौंपा था। पुलिस ने बाद में उसे छोड़ दिया और वायरल वीडियो के आधार पर मारपीट करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। हालांकि पत्रिका डॉट कॉम वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
ओवैसी ने कानपुर घटना की जमकर निंदा असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना पर ट्वीट कर कहा कि कट्टरपंथी हिंसक अपराधियों को पता है कि उन्हें कुछ नहीं होगा। इस तरह के क्रूर अपराधों के लिए उन्हें सामाजिक बहिष्कार का सामना करने की भी संभावना नहीं है। उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में एक मुस्लिम व्यक्ति को पीटा, लेकिन पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया। पता नहीं बच्ची सदमे से कैसे उबर पाएगी। अपने इसी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए ओवैसी ने कहा कि कोई भी सभ्य समाज ऐसे गुंडों का महिमामंडन नहीं करेगा। यदि आपके पास विवेक है, तो आप अब मूकदर्शक नहीं बन सकते। समाज में इस हिंसक कट्टरता से लड़ो।
अखिलेश बोले यूपी में अराजकता व्याप्त है वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कानपुर के बर्रा-8 में भाजपा के उकसावे पर निर्दोष युवक की सरेआम पिटाई की घटना लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है। कहा कि भाजपा सरकार में यूपी में अराजकता व्याप्त है। प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त है, जंगलराज कायम है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य में जब से भाजपा सरकार आई है, वंचित समाज के उत्पीडऩ की घटनाएं बढ़ गई हैं। जनमत द्वारा निर्वाचित सरकार की जिम्मेदारी है कि जनता का भरोसा सरकार में बना रहे, लेकिन भाजपा इसके उलट काम करती है। आपसी सौहार्द मजबूत करने की बजाय भाजपा अवरोध पैदा करती है।