सबसे ज्यादा संकट हैलट के कोविड अस्पतालों में है। मिली जानकारी के मुताबिक हैलट में 24 घंटे का भी आक्सीजन बैकअप नहीं बचा है। जबकि 48 या 72 घंटे का बैकअप होना चाहिए। कुछ बहुत राहत देने के लिए हमीरपुर से 100 सिलिंडर मंगाए गए हैं। जबकि हैलट के न्यूरो साइंसेज कोविड अस्पताल और मैटरनिटी विंग के अस्पताल में 150 कोरोना रोगी भर्ती हैं। इनमें 90 फीसदी रोगी आक्सीजन सपोर्ट पर हैं। आक्सीजन सेच्युरेशन लेवल कम होने से रोगियों को हाई फ्लो के साथ आक्सीजन देनी पड़ रही है।
हैलट (Hailat Hospital) में देहरादून से एक आक्सीजन का टैंकर रोज आता है। इसमें 30 से 35 हजार लीटर लिक्विड आक्सीजन होती है। यहां पर लिक्विड आक्सीजन के तीन प्लांट हैं। इनकी क्षमता नौ हजार लीटर की है। एक प्लांट से न्यूरो साइंसेज, दूसरे वार्डों और तीसरे मैटरनिटी विंग को आक्सीजन जाती है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. आरबी कमल ने बताया कि आक्सीजन का 24 घंटे का बैकअप नहीं बचा है। एनेस्थीसिया विभाग से आक्सीजन की खपत का ब्योरा मांगा गया है।