जनरेटर प्लांट लगाने की जिम्मेदारी शासन स्तर पर टाईडेंट कंपनी को दी गई है। प्लांट कैसे लगेगा, इसके तौर तरीकों को समझाने के लिए संयुक्त आयुक्त उद्योग द्वारा वर्चुअल मीटिंग कानपुर के उद्यमियों के साथ की गई। कंपनी के प्रतिनिधी श्याम प्रताप ने उद्यमियों को बताया कि किस तरह से प्लांट को लगाया जा सकता है। उन्होंने ग्राफिक्स के जरिए प्लांट लगाए जाने की जानकारी दी। संयुक्त आयुक्त उद्योग सर्वेश्वर शुक्ला ने उद्यमियों को समझाया कि आप लोग ऑक्सीजन प्लांट लगवाएं, इसमें विभाग द्वारा मदद की जाएगी। इसके लिए लाइसेंस की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है।
ट्राईडेंट कंपनी के प्रतिनिधी और एमबीएस इंजीनियर ने उद्यमियों को समझाया कि अस्पताल परिसर में प्लांट लगाना सस्ता पड़ता है। उन्होंने बताया कि अस्पताल परिसर में प्लांट में एक मशीन को लगाया जाता है, और उसके भीतर एक और मशीन को लगाया जाता है। यह मशीन वातावरण से हवा को सोखकर उसे फिल्टर करती है। साफ हवा को जियोलाइट केमिकल से ऑक्सीजन और नाइट्रोजन से अलग कर करते है। नाईट्रोजन को वातावरण में छोड़ दिया जाता है, और ऑक्सीजन को पाइपों के जरिए मरीजों तक पहुंचाया जा सकता है। 24 घंटे में 50 जंबो ऑक्सीजन सिलिंडर भरे जा सकते है।