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हैलट अस्पताल में लगेगा जनरेटर ऑक्सीजन प्लांट, 60 सेकेंड में बनेगी 960 लीटर ऑक्सीजन

locationकानपुरPublished: Apr 23, 2021 06:42:47 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हैलट अस्पताल में जनरेटर ऑक्सीजन प्लांट लगेगा। यह ऑक्सीजन प्लांट एक मिनट में 960 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन करेगा।

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oxygen cylinders

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.

कानपुर. कोरोना वायरस (Coronavirus in up) की दूसरी लहर में 90 फीसदी संक्रमित पेशेंट ऑक्सीजन पर है। संक्रमित मराजों के बढ़ने के साथ ही ऑक्सीजन की शॉर्टेज हो गई है। हैलट अस्पताल (Hallett Hospital) समेत सभी कोविड हॉस्पिटलों (Covid hospital) में ऑक्सीजन (Oxygen supply) की किल्लत चल रही है। इस बीच एक राहत देने वाली खबर यह है कि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हैलट अस्पताल में जनरेटर ऑक्सीजन प्लांट लगेगा। यह ऑक्सीजन प्लांट एक मिनट में 960 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन करेगा।
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जनरेटर प्लांट लगाने की जिम्मेदारी शासन स्तर पर टाईडेंट कंपनी को दी गई है। प्लांट कैसे लगेगा, इसके तौर तरीकों को समझाने के लिए संयुक्त आयुक्त उद्योग द्वारा वर्चुअल मीटिंग कानपुर के उद्यमियों के साथ की गई। कंपनी के प्रतिनिधी श्याम प्रताप ने उद्यमियों को बताया कि किस तरह से प्लांट को लगाया जा सकता है। उन्होंने ग्राफिक्स के जरिए प्लांट लगाए जाने की जानकारी दी। संयुक्त आयुक्त उद्योग सर्वेश्वर शुक्ला ने उद्यमियों को समझाया कि आप लोग ऑक्सीजन प्लांट लगवाएं, इसमें विभाग द्वारा मदद की जाएगी। इसके लिए लाइसेंस की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है।
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प्लांट में कैसे बनती है, ऑक्सीजन-
ट्राईडेंट कंपनी के प्रतिनिधी और एमबीएस इंजीनियर ने उद्यमियों को समझाया कि अस्पताल परिसर में प्लांट लगाना सस्ता पड़ता है। उन्होंने बताया कि अस्पताल परिसर में प्लांट में एक मशीन को लगाया जाता है, और उसके भीतर एक और मशीन को लगाया जाता है। यह मशीन वातावरण से हवा को सोखकर उसे फिल्टर करती है। साफ हवा को जियोलाइट केमिकल से ऑक्सीजन और नाइट्रोजन से अलग कर करते है। नाईट्रोजन को वातावरण में छोड़ दिया जाता है, और ऑक्सीजन को पाइपों के जरिए मरीजों तक पहुंचाया जा सकता है। 24 घंटे में 50 जंबो ऑक्सीजन सिलिंडर भरे जा सकते है।
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