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कानपुर

Modi in Kanpur: 50 मिनट का भाषण और बस नोटबंदी पर सफाई

कानपुर की परिवर्तन रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोहराया काले धऩ पर अंकुश का वादा

कानपुरDec 19, 2016 / 05:41 pm

Kaushlendra Singh

Modi in Kanpur

Modi in Kanpur

डॉ.संजीव

कानपुर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को यहां पहुंचे तो कानपुर वालों की उम्मीदों का समंदर ले रहा था। पर यह क्या, 50 मिनट लंबे भाषण में कानपुर या उत्तर प्रदेश की उम्मीदों पर चर्चा ही नहीं हुई। प्रधानमंत्री बोले, खूब बोले, पर केवल नोटबंदी पर सफाई और काले धन पर अंकुश का वादा करते हुए उनका भाषण खत्म हो गया।

मोदी पिछली बार तीन साल पहले जब कानपुर आए थे, तो आशीर्वाद के बदले ब्याज सहित लौटाने का वादा कर गए थे। सोमवार को उन्हें सुनने गयी जनता के मन में वह वादा पूरा होने की आस थी। सांसद मुरली मनोहर जोशी ने भी मिल बंदी सहित कानपुर की मांगें दोहराईं। मोदी आए तो खूब नारे भी लगे, पर उन्होंने बोलना शुरू किया तो कहीं वादों का जिक्र तक नहीं था। मोदी ने अपने पूरे भाषण को नोटबंदी पर ही केंद्रित रखा। बोले कि एक फैसले से अच्छे-अच्छों का खेल खत्म हो गया। अब तो तकनीक से बेईमान व काला धन रखने वाले पकड़े जा रहे हैं। दावा किया कि जितने छापे अब पड़ रहे हैं, पहले कभी नहीं पड़े। 25 दिसंबर से शुरू हो रही ईनामी योजना एक बार फिर दोहराते हुए बताया कि इस योजना में अॉनलाइन खरीदारी करने वाले 15 लाख लोगों को एक हजार रुपये का पुरस्कार मिलेगा, वहीं लकी ड्रा में करोड़ों के ईनाम अलग से मिलेंगे।

50 दिन कठिनाई

मोदी ने कहा कि अच्छा करने के लिए तप करना पड़ता है। देश के नागरिकों ने 8 नवंबर को नोटबंदी लागू होने के बाद तरह-तरह के कष्ठ झेले। देश की भलाई के लिए यह सब झेला, इसलिए उन्हें निराशा नहीं होगी। उन्होंने एक बार फिर दोहाराया कि यह पूरी कठिनाई बस 50 दिन के लिए है। इसके बाद स्थितियां ठीक हो जाएंगी।

100 की ताकत बढ़ी

प्रधानमंत्री ने दावा किया नोटबंदी के फैसले से 100 के नोट की ताकत बढ़ी है। कहा कि अब कैशलेस अर्थव्यवस्था पर जोर है और मोबाइल के रूप में हर हाथ में बैंक रहेगा। आज दो लोग मोबाइल बैंकिंग का विरोध कर रहे हैं, वही लोग कल तक राजीव गांधी को मोबाइल क्रांति का श्रेय देते नहीं थकते थे।

चुनाव आयोग का स्वागत

कटाक्ष किया कि जो कांग्रेस अब हिसाब-किताब की बात करती है, उसी कांग्रेस में सीताराम केसरी के कोषाध्यक्ष रहते हुए, न खाता न बही केसरी कहें वही सही, जैसा नारा गूंजता था। उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक दलों के हिसाब किताब को मजबूत करने व पारदर्शिता लाने के सुझाव का स्वागत किया।

वे संसद बंद में अटके

मोदी ने कहा कि हम देश को कालेधन से मुक्त करने की लड़ाई लड़ रहे हैं और वे संसद बंद करने में अटके हैं। विपक्ष ने महीने भर संसद नहीं तलने दी। वे मुद्दों पर चर्चा से भाग रहे थे। उन्हें हिसाब देना महंगा पड़ रहा था। पहली बार संसद में बेईमानों की मदद करने के लिए नारे लगे। यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है।
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