मेडिकल कॉलेज के अपर इंडिया जच्चा-बच्चा अस्पताल में चल रहे शोध में गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज का खुलासा हुआ है। यहां १८०० से अधिक महिलाओं की स्क्रीनिंग के दौरान १५९ में जांच के दौरान डायबिटीज मिली, जबकि १६८ महिलाएं प्री-डायबिटीज श्रेणी में शामिल की गईं। ९ प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को ब्लड शुगर की समस्या थी।
डॉ. शैली अग्रवाल के मुताबिक गर्भवती महिलाओं में हार्मोंस की वजह से डायबिटीज होती है। इस दौरान शरीर में हार्मोंस के स्तर में काफी उतार-चढ़ाव होते हैं। इन्हीं बदलावों की वजह से ब्लड शुगर अनियंत्रित हो जाता है। गर्भावस्था में ऐसे बदलाव होते हैं कि शरीर इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हो जाता है।
यदि महिलाओं में लगातार पेशाब आने, थकान, जी मिलचाने, यूरिन में बार-बार संक्रमण, आंखों के सामने अंधेरा छाना और यूरिन में शुगर की जांच पॉजिटिव मिले तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अपर इंडिया जच्चा बच्चा अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के लिए एक विशेष क्लीनिक रोजाना चलती है। जिसमें सभी जांच और इलाज मुफ्त है।
ज्यादातर डायबिटीज की वजह अधिक वजन है। इसके अलावा अगर परिवार में मधुमेह है तो आपको इसकी संभावना रहती है। जो महिलाएं ४ किलोग्राम से अधिक वजन वाले बच्चे को जन्म देती हैं उनमें जेस्टेशनल डायबिटीज की संभावना रहती है। इसके अलावा २५ साल के बाद गर्भधारण करने वाली ज्यादातर महिलाओं में डायबिटीज का खतरा रहता है।