परिषदीय स्कूलों में व्यवस्थाओं को लेकर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। शौचालय, पेयजल, स्कूल भवन और विद्युत आदि सुविधाओं के लिए परिषदीय स्कूलों में तमाम शिकायतें आती रहती हैं। अब प्रेरणा और दीक्षा एप के जरिए इन सुविधाओं की जानकारी भी मिलती रहेगी और जो भी कमी होगी उसे पूरा कराया जाएगा। जिससे शिक्षकों को शिक्षण कार्य में किसी प्रकार की बाधा न आए और बच्चों को भी सभी जरूरी सुविधाएं स्कूल में मिले।
प्रेरणा और दीक्षा एप से परिषदीय स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था की सख्त मॉनीटरिंग होगी। इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में १८ सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। इसके साथ ही इसमें संबंधित विभाग को भी शामिल किया गया है।
पढ़ाई के साथ-साथ यह भी देखा जाएगा कि बच्चों ने क्या-क्या और कितना सीखा। इसमें परफारमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स प्रणाली के अंतर्गत लर्निंग आउटकम्स, एक्सेस आउटकम्स, इंफ्रास्ट्रक्चर एंड फेसिलिटी, इक्विटी आउटकम्स के साथ ७० इंडीकेटर्स को शामिल किया गया है। इसकी समीक्षा की जाएगी।
शिक्षकों को दीक्षा एप के जरिए क्यूआर कोड स्कैन करके पढ़ाने का नियम बनाया गया है। इससे यह पता चल जाएगा कि किस शिक्षक ने कौन सा पाठ कितनी देर पढ़ाया। स्कूल में कितने शिक्षकों ने कितनी देर तक प्रेरणा एप का प्रयोग किया, इसका पता भी चल जाएगा।
ऑपरेशन कायाकल्प के तहत विद्यालयों की अवस्थापना सुविधाओं की मॉनीटरिंग, शहरी क्षेत्रों में विद्यालयों के बाहर अतिक्रमण की समस्या का निराकरण, शहरी क्षेत्रों की अवस्थापना सुविधाओं के लिए नगर निकायों, स्मार्ट सिटी फंड, राज्य वित्त आयोग आदि से वित्तपोषित करना, विद्यालयों के जर्जर भवनों की स्थिति की समीक्षा कर जर्जर घोषित कराने की कार्यवाही कराना।
मिलेंगी ये जानकारियां
प्रेरणा एप के इन बिंदुओं के आधार पर होगी समीक्षा-सूचना अपलोड न करने वाले शिक्षकों व विद्यालयों का प्रतिशत, विकास खंडवार शिक्षकों की उपस्थिति का प्रतिशत, विकास व खंडवार शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति का प्रतिशत, विद्यालय प्रबंध समिति की मासिक बैठक कराने वाले विद्यालयों का प्रतिशत, बेस लाइन, मिड लाइन और लाइन मूल्यांकन के आधार पर ग्रेडिंग किए गए विद्यालों का प्रतिशत पता चलेगा।