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कानपुर

जिला कारागार के कैदी की मौत पर बवाल परिजनों ने लगाया आरोप

जिला कारागार के कैदी की मौत पर बवाल परिजनों ने लगाया आरोप
 

कानपुरOct 21, 2017 / 02:51 pm

Ruchi Sharma

kanpur dehat

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कानपुर देहात. कहा जाता है कि घर से ज्यादा इंसान जेल में सुरक्षित होता है लेकिन कानपुर देहात के जिला कारागार में बंद कैदी की मौत ने सुरक्षा के दावे पर सवाल खड़े कर दिये है। एक बार फिर से कैदियों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठ खड़े हुये है।
बताया गया कि बीती आधी रात के बाद एक कैदी को जेल पुलिस द्वारा जिला अस्पताल में लाया गया, जहां डॉक्टर परीक्षण करने के बाद उसे मृत घोषित कर देते है। इसके बाद दोनों पुलिस कर्मी कैदी की लाश को वहीं छोड़कर चले जाते है और इसके बाद कैदी के शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया जाता है। इस मामले की भनक काफी समय तक किसी को नहीं लगती है, लेकिन जब पुलिस के माध्यम से मृत कैदी के परिजनों को घटना की जानकारी मिलती है तो परिजन जेल पहुंचकर जानकारी करते है तो उन्हे कोई ठोस जानकारी नहीं मिलती है। परिजनों का कहना है कि दो दिन पूर्व जाकर उससे मुलाकात की थी, वह बिल्कुल स्वस्थ्य था और उसने अपनी मां से दूज पर मिलने आने के लिये भी कहा था। इसके चलते बिना बीमारी मौत होने पर परिजनों ने जेल प्रशासन पर आरोप लगाया है।
गैंगस्टर का कैदी था राघवेंद्र

कानपुर देहात के अकबरपुर के रहने वाले राघवेंद्र सिंह पर 12 सितम्बर को पुलिस ने गैंगस्टर की कार्रवाई करते हुये उसे जेल भेजा था। मिली जानकारी के मुताबिक राघवेंद्र को बीती आधी रात के बाद जिला कारागार के दो बंदी उसे जिला अस्पताल अकबरपुर ले गये थे। जहां डॉक्टरों ने उसका परीक्षण कर उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद दोनों बंदी उसे वहीं छोड़कर चले गये। इसके बाद राघवेंद्र के शव को पोस्टमार्टम के लिये भिजवाया गया।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक बोले कि राघवेंद्र की संदिग्ध मौत के बाद जहां जेल प्रशासन में हड़कम्प मच गया। वहीं जिला प्रशासन भी सकते में दिखाई दिया। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि कैदी को मृत अवस्था में ही अस्पताल लाया गया था, उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया गया था। वहीं सदर एसडीएम का कहना है कि कैदी की मौत इलाज के दौरान सुबह 8 बजे हुयी है। उन्होंने जेल के अंदर कैदी से किसी तरह की मारपीट से साफ इंकार करते हुये कहा कि ऐसे मामलों में न्यायिक जांच होती है, जिसके बाद ही कार्रवाई का प्रावधान है।
परिजन बोले कोई बीमारी से ग्रसित नहीं था फिर कैसे

राघवेंद्र की इस मौत से जहां परिजनों हाहाकार मचा हुआ है, वहीं प्रशासन की ईंद भी कोसों दूर हो गयी है। परिजनों का कहना है कि वे कोई विवाद नहीं चाहते है लेकिन उन्हें जिम्मेदारों द्वारा ये बताया जाये कि आखिर बिना बीमारी के राघवेंद्र की मौत कैसे हुयी है।
घटना के वक्त जेल मे कौन कौन तैनात थे और इस कैदी को बचाने के लिये क्या प्रयास किये गये है।फिलहाल अचानक बिना किसी बीमारी की चपेट में आये कैदी की मौत साथ ही डॉक्टर व एसडीएम के बयानों में भिन्नता सहित इस गम्भीर घटना में जेल प्रशासन की लापरवाही को देखते हुये जेल प्रशासन सवालों के कठघरे में आकर खड़ा हो गया है।

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