scriptकई बीमारियों से बचाते हैं दालों से मिलने वाले प्रोटीन और फाइटोकेमिकल्स | Proteins from pulses that remove fatty liver and hypertension | Patrika News
कानपुर

कई बीमारियों से बचाते हैं दालों से मिलने वाले प्रोटीन और फाइटोकेमिकल्स

दालों के डिजाइनर फूड आइटम जल्द दिखेंगे रेस्टोरेंट और मॉल में
दालों से निर्मित पिज्जा, पास्ता और स्प्राउट फ्राई व डिब्बा बंद दाल

कानपुरFeb 11, 2019 / 01:34 pm

आलोक पाण्डेय

Proteins from pulses

कई बीमारियों से बचाते हैं दालों से मिलने वाले प्रोटीन और फाइटोकेमिकल्स

कानपुर। वैज्ञानिकों का दावा है कि भोजन में दालों का नियमित सेवन करने वालों को डायबिटीज, हाइपरटेंशन और फैटी लिवर की समस्या से जूझना नहीं पड़ता। दाल एक स्वस्थ्य फूड होता है। यह ऊर्जा स्टेमना को बढ़ाती है। मांस के मुकाबले दालों से मिलने वाला प्रोटीन कई गुना बेहतर होता है। इसलिए नियमित रूप से दालों का सेवन करना चाहिए। आईआईपीआर में आयोजित विश्व दाल दिवस पर वैज्ञानिकों ने दाल से होने वाले फायदे गिनाए। इस मौके पर दालों से निर्मित फूड को ब्रह्मावर्त ब्रांड नाम से लांच किया गया था।
शहरों में कम सेवन
सीआईएइ के पूर्व निदेशक डॉ. आर टी पाटिल ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण इलाकों की अपेक्षा दालों का सेवन ३५ प्रतिशत कम होता है। इसी वजह से शहरियों का खाना बैलेंस नहीं रहता। लगभग २००० कैलोरी ऊर्जा में १५ प्रतिशत ऊर्जा दालों से मिलनी चाहिए। एक ग्राम प्रोटीन प्रति किलोग्राम वजन के हिसाब से खानी चाहिए। इसे पूरा करने के लिए एक इंसान को ७५ ग्राम दाल रोजाना खानी चाहिए।
उत्पादन का रिकार्ड टूटा
इस बार देश में दलहन का रिकार्ड उत्पादन हुआ है। बीते वर्षों की अपेक्षा दो गुना उत्पादन से भारतीय दलहन संस्थान के वैज्ञानिक खासे उत्साहित हैं। अभी तक दालों का आयात करने वाला देश अब इस स्थिति में है कि वह दूसरे देशों में निर्यात कर सकता है। दाल के बढ़े उत्पादन से देश समेत दुनिया भर में चर्चा हो रही। इसे लेकर फूड एंड एग्रीकल्चरल आरगेनाइजेशन (एफएओ) ने पहली बार विश्व दलहन दिवस मनाया। संस्थान के ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में राष्ट्रीय दलहन संस्थान के निदेशक डॉ. नरेन्द्र प्रताप सिंह ने उपलब्धियों की रिपोर्ट पेश की।
नए दाल निर्मित फूड
जल्द ही आपको रेस्टोरेंट और मॉल में जल्द दालों के डिजाइनर आइटम मिल सकेंगे। पिज्जा, बर्गर, स्प्राउंट, डोसा, पास्ता, नूडल्स, दाल चटनी, बिस्कुट व अन्य फास्ट फूड दालों के बने हुए मिलेंगे। यही नहीं आप चाहेंगे तो डिब्बे में सादी और फ्राई दाल मिलेगी। राष्ट्रीय दलहन संस्थान ने कई कंपनियों से वार्ता शुरू की है। जो दालों के ऐसे प्रॉडक्ट बनाएंगी जिससे बच्चों को जंक फूड से छुटकारा दिलाया जा सके।
किसान होंगे मालामाल
संस्थान की इस मुहिम से बाजार के साथ-साथ किसानों की आय दो गुना करने में मदद मिलेगी। निदेशक डॉ. नरेन्द्र कुमार सिंह के मुताबिक अमेरिका और यूरोप को दाल खाने की तरकीब इंडिया के वैज्ञानिक बताते हैं। वहां लोग भारतीय दालों की तरह दाल नहीं बनाते, उन्हें फास्ट फूड के विकल्प पर दालों से बने उत्पाद दिए जा रहे हैं। इससे दालों से मिलने वाली प्रोटीन और खनिज की आपूर्ति होती है। चाइनीज फास्ट फूड के विकल्प के लिए दालों से जुड़े उत्पाद बनाने को कंपनियां तैयार हैं। डॉ. एनपी सिंह के मुताबिक इससे कंपनियों का बिजनेस भी बढ़ेगा। विश्व दलहन दिवस पर दाल से बनने वाले विभिन्न स्वादिष्ट खान-पान का प्रदर्शन किया गया।

Home / Kanpur / कई बीमारियों से बचाते हैं दालों से मिलने वाले प्रोटीन और फाइटोकेमिकल्स

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो