प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय उत्तरप्रदेश की वाराणसी संसदीय सीट से निर्वाचित लोकसभा सांसद हैं। मोदी के खिलाफ इसी सीट पर नामांकन दाखिल करने वाले सीमा सुरक्षा बल के बर्खास्त जवान तेज बहादुर का रिटर्निंग ऑफीसर द्वारा नामांकन खारिज कर दिया गया था। इससे आहत तेज बहादुर से न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। जून के पहले सप्ताह में मामले की सुनवाई हो सकती है। इस याचिका पर कानपुर निवासी अधिवक्ता रजत नायर सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के रूप में मोदी की ओर से पक्ष रखेंगे।
कानपुर के हैं रजत नायर
रजत नायर कानपुर शहर के निवासी हैं और उनके पिता जयंत नायर लाल इमली में काम कर चुके हैं। उनकी माता का नाम बीना नायर है। रजत ने इंटर तक की शिक्षा शीलिंग हाउस स्कूल से ली। पुणे के भारती विद्यापीठ से बीएएलएलबी की डिग्री लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट के प्रसिद्ध अधिवक्ता पीएच पारेख की लॉ फर्म से इंटर्न कर कॅरियर की शुरुआत की।
इससे पहले हाल ही में रजत उन्नाव रेप मामले में सीबीआई के वकील रह चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने तीन तलाक और आधार मामले में मोदी सरकार पक्ष लिया तथा नेशनल हेराल्ड मामले में गांधी परिवार और सैम पित्रोदा के खिलाफ दायर इनकम टैक्स चोरी मामले में भी वे इनकम टैक्स के वकील रहे।
मोदी सरकार के सत्ता में आने पर भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के निर्देशन में काम किया फिर वर्ष 2014 में रजत केंद्र सरकार में पैनल अधिवक्ता नियुक्त हो गए। सीबीआई, ईडी और एनआईए के विशेष लोक अभियोजक (स्पेशल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर) के रूप में भी रजत सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रख चुके हैं।
रजत ने वर्ष 2017 में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड की परीक्षा पास की। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों द्वारा ली जाने वाली इस परीक्षा में आजादी के बाद से अब तक देशभर से लगभग चार हजार वकील ही पास हो सके हैं। कानपुर से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बाद रजत इस परीक्षा को पास करने वाले दूसरे अधिवक्ता हैं।