डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसका शुरूआत में पता ही नहीं चलता। जब शुगर हाईलेबल पर आ जाता है तब शरीर में समस्याएं महसूस होती हैं, जिसके बाद स्थिति का पता चलता है। शरीर में कमजोरी, आंखों में कमी समेत कई लक्षण सामने आने के बाद ही लोग जांच कराते हैं और डायबिटीज का पता चलता है, पर अगर समय रहते सावधानी बरती जाए तो डायबिटीज से बचा जा सकता है।
डायबिटीज से बचने का सबसे आसान तरीका है खुश रहना। अगर दिनचर्या अनियमित है और सोने व खाने का समय तय नहीं है तो तनाव कम लें और ज्यादा से ज्यादा खुश रहे, इससे डायबिटीज से बचने में काफी मदद मिलेगी। आईएमए रिफ्रेशर कोर्स में दिल्ली के हारर्मोंस रोग विशेषज्ञ डॉ. रत्नेश कंवर का कहना है कि मानसिक तनाव अपने हाथ में होता है। किसी काम को खुशी-खुशी कर लें या उसे लेकर तनाव हावी होने दें। यह आपको ही करना होगा।
तनाव से शरीर में कार्टिसोल हारमोन का रिसाव होता है, जिससे भूख लगती है और पेट पर वसा का जमाव होता है। इससे डायबिटीज होती है। कार्टिसोल स्टेरॉयड होता है, यह शरीर के हाथ-पैर की वसा पेट पर लाकर जमा देता है। अधिक थायरॉयड से घबराहट, उलझन, बेचैनी और दिल की धड़कन तेज होती है। इसके अलावा मानसिक परेशानी भी होती है।
अगर गर्भवती मां को हाइपर थायरोडिज्म है तो बच्चे में भी जन्मजात बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में हर नवजात की तीन माह के अंदर थायरॉयड की जांच करा ली जाए तो समय रहते इलाज आसान हो जाता है।