मिलकर भारत का करें विकास
आरएसएस के सरसंघसंचालक डॉक्टर मोहन भागवत ने कहा कि गणतंत्र दिवस के मौके पर हमें क्रांतिकारियों की नगरी में घ्वजरोहड़ का गौरव प्राप्त हुआ। आरएसएस चाहता है कि तिरंगे के तीनों रंगों की भांति हमसब मिलकर भारत की एकता-अखंडता को बनाए रखने के लिए कार्य करें। आरएएस प्रमुख ने कहा कि गणेश शंकर विद्याथी, शहीद भगतसिंह और चंद्रशेखर आजाद ने इसी धरती से अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति की अलख जगाई थी। जिसका परिणाम है कि हम आज आजादी का पर्व मना रहे हैं। संघ गांव, गरीब, किसान और मजदूर को विकास की धारा में लाने के लिए पिछले कई सालों से लगा हुआ है और हमें आगे भी ये जंग जारी रखनी है।
तिरंगे के रंगों के बारे में दी जानकारी
आरएसएस प्रमुख ने बताया कि राष्ट्रीय ध्वज के शीर्ष पर भगवा रंग त्याग सत्कर्म का संदेश देता है, यह हमारी प्रकृति है। भगवा रंग का हम वंदन करते हैं। मध्य भाग का श्वेत रंग सर्व शांति शांत मानवता और तन मन की पवित्रता है, जो हमारे देश में सनातन काल से चली आ रही है। हरा रंग लक्ष्मी जी का रंग है, जो समृद्धि का प्रतीक है और मन बुद्धि की समृद्धि के साथ क्रोध, तृष्णा, मद मत्सर के त्याग का भी संदेश देता है। इसी के चलते भारत विश्व में अपनी अगल पहचान के लिए जाना जाता है। आरएसएस प्रमुख ने इस मौके पर कहा कि, अभी भी कुछ जगह जातियों के नाम पर लोगों को बांटा जा रहा है। पर हमें उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देना। हमसब की मां की संतान है और भारत माता ही हमारी पहचान है।
दुश्मनों को पराजित करने में भारत सक्षम
मोहन भागवत ने कहा कि हम सबके सुख की कामना करते हैं। हमारे देश की शांति और सद्गुणों को समाप्त करने के लिए विरोधी शक्तियां कुप्रयास कर रही हैं, संपूर्ण विश्व इससे पीड़ित है। विश्व इस बात को जनता है कि विरोधी शक्तियों को पराजित करने की क्षमता भारत में है। हम जन जन के जीवन को श्रेष्ठ बनाकर भारत को विश्वगुरु के रूप में स्थापित कर संपूर्ण विश्व को श्रेष्ठ मानव बनाने का संकल्प लेते हैं। इस अवसर ं नारायण ग्रुप के अध्यक्ष कैलाश नारायण ने उन्हें स्मृति चिन्ह एवं शाल भेंट कर सम्मानित किया।
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