कानपुर के कद्दावर नेता महताब की अखिलेश सरकार के दौरान शहर में काफी रसूख थे। इसी के बल पर इसने कई जमीनों पर कब्जे करवाकर अपार्टमेंटों का निर्माण करवा जमकर पैसा कमाया। एक फरवरी 2017 को जाजमऊ स्थित छबीलेपुरवा में सपा नेता महताब आलम की अवैध निर्माणाधीन इमारत गिरने से 10 मजूदरों की मौत हो गयी थी। साथ ही 18 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके बाद से महताब आलम फरार हो गया था। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए जब धड़पकड़ के दबिश तेज़ की तो इसने हाई कोर्ट से गिरफ्तारी होने होने का स्टे ले लिया। अब महताब की गिरफ्तारी का स्टे ख़त्म हो चुका था। बावजूद उसने कोर्ट में सरेंडर नहीं किया। जिसके चलते न्यायालय ने आरोपी महताब आलम के घर की कुर्की के आदेश दे दिया।
हाईकोर्ट से लिए गए स्टे की अवधि दो माह पहले खत्म हो चुकी थी। पुलिस मेहताब आलम को अरेस्ट करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन वो हाथ नहीं लग रहा था। इसी के बाद कोर्ट ने मेहताब आलम के घर की कुर्की का आदेश दे दिया। चकेरी और कैंट थाने की पुलिस आज उसके पुराने घर पर गई। घर के बाहर ताला पड़ा था, जिसे पुलिस ने तोड़कर घर में प्रवेश किया। घर के अंदर रखे सारे समान को एक डीसीएम में भर कर थाने ले आई। दो घंटे तक पुलिस की ये कार्रवाई चलती रही। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस घर की पुलिस ने कुर्की की है, उसमें मेहताब आलम कभी नहीं रहा। यहां उसके मजदूर रहा करते थे। इशरत अली बताते हैं कि महताब आलम के परिजन यहां रहा करते थे, लेकिन दस साल पहले वो भी नए मकान में शिफ्ट हो गए।