प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्राधिकारी एसबी फ्रैंकलीन ने बताया कि निर्यातकों ने लॉकडाउन की शर्तों को स्वीकार करते हुए इकाइयों को खोलने की अनुमति मांगी थी। इसी आधार पर अनुमति दी गई है। टीम का गठन कर इन इकाइयों की निगरानी भी की जाएगी। ये वो इकाइयां हैं जो चमड़ा या उसे जुड़े उत्पाद बनाकर निर्यात करती हैं। इनमें 48 जाजमऊ की हैं और 39 शहर के अन्य क्षेत्रों की हैं। इसके अलावा डायमंड, टेक्सटाइल, मोटर पार्ट्स और पंप निर्यात करने वाली 14 अन्य इकाइयों को भी अनुमति दी गई है।
टेनरी मालिकों को कहा गया है कि कर्मियों और श्रमिकों की फैक्ट्री या टेनरी में रहने की व्यवस्था की जाए और हॉटस्पॉट में कर्मियों व वाहनों के आवागमन की अनुमति नहीं होगी। इकाइयों में प्रतिदिन सैनिटाइजेशन कराने के साथ ही श्रमिकों व कर्मियों की रोजाना स्क्रीनिंग की जाए और रेड या ऑरेंज जोन के 50 से अधिक श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों में बाहर से आने वाले कर्मियों के लिए सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की सुविधा की जाएगी। इसके अलावा सभी कर्मियों और श्रमिकों का चिकित्सा बीमा कराया जाए। कार्यस्थलों में दो पारियों के बीच एक घंटे का अंतर होना चाहिए। सामूहिक लंच नहीं किया जाएगा, सभी छह फीट की दूरी में मीटिंग करेंगे। लिफ्ट के आकार के आधार पर दो ही व्यक्तियों का उपयोग किया जाए। लिफ्ट की बजाय सीढ़ी के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए। टेनरी के अंदर या बाहर गुटखा, तंबाकू आदि पर सख्त प्रतिबंध रहेगा।
निर्यात करने वाली टेनरियों के खोलने के आदेश पर टेनरी एसोसिएशन ने नाराजगी जताई है। एसोसिएशन का आरोप है की सूची में कई ऐसी टेनरियां भी शामिल हैं, जो निर्यातक नहीं हैं। उनको किस दस्तावेज के आधार पर स्वीकृति दी दी गई है। इसको लेकर जिलाधिकारी कार्यालय में ज्ञापन देंगे। एसोसिएशन के एक सदस्य ने बताया कि 150 टेनरियों का आवेदन दिया गया था। जाजमऊ की सिर्फ 48 टेनरियों को निर्यात करने के आधार पर स्वीकृति दी गई।